Edited By Vatika,Updated: 27 May, 2020 12:22 PM
लॉकडाऊन दौरान साईबर ठगों ने लुधियानावासियों को लूटने का नया तरीका ढूंढा है। साईबर ठगों की तरफ से शहर के लोगों को उनके वाहन के चालान
लुधियाना : लॉकडाऊन दौरान साईबर ठगों ने लुधियानावासियों को लूटने का नया तरीका ढूंढा है। साईबर ठगों की तरफ से शहर के लोगों को उनके वाहन के चालान होने का एस. एम.एस. भेजा जा रहा है। इस मैसेज में दिए लिंक या वैबसाईट पर क्लिक करने से लोगों के बैंक खाते या कार्ड के द्वारा राशि को ठग मिनटों में उड़ा सकते हैं।
हज़ारों की संख्या में शहर के लोगों को ऐसे एस.एम.एस. मिले हैं, जिससे लोग ख़ुद हैरान है और इधर -उधर फ़ोन घुमा कर चालान के बारे पूछ रहे हैं। ऐसे ठगों से बचने के लिए लुधियाना पुलिस ने सोशल मीडिया के द्वारा शहर के लोगों को अलर्ट किया है। साईबर ठगी के इस नए तरीके में ख़ास बात यह है कि जिन लोगों को यह मैसेज आए हैं, उनके पास मैसेज में दर्ज वाहन नंबर के वाहन भी मौजूद हैं, जिस कारण लोग आसानी से ऐसे मैसेज पर भरोसा कर लेते हैं जबकि वास्तविकता यह है कि अभी पंजाब में ऑनलाइन तरीके से चालान की जुर्माना राशि वसूल करने की योजना कोविड -19 के संकट के कारण लटकी हुई है। जबकि कुछ व्यक्तियों ने तो यह मैसेज मिलने के बाद सोशल मीडिया पर चालान की राशि का भुगतान करने की बात को भी कबूल किया है।
इस तरह खुली केस की गुत्थी
ठगों ने एक ऐसे व्यक्ति को मेसेज भेज दिया जिसका दोस्त आई. टी. माहिर है और कई सरकारी विभागों की वैबसाईट बनाने से लेकर उसे मैंटेन करने का काम करता है। माहिर की तरफ से उक्त मैसेज में दिए गए वैबसाईट के लिंक को ओपन करने पर पता लगा कि यह फ़र्ज़ी वैबसाईट है और केंद्र सरकार की ट्रांसपोर्ट वैबसाईट की रू-ब-रू नकल बनाई गई है, जिसके बाद पुलिस विभाग के उच्च आधिकारियों के ध्यान में यह बात लाई गई और लुधियाना पुलिस की तरफ से लोगों को अलर्ट किया गया है।
ऐसे ठगों से बचे लोग: ए.सी.पी. गुरदेव
ए.सी.पी. ट्रैफ़िक गुरदेव सिंह का कहना है कि उन्हें इस केस की जानकारी मिलते ही लुधियाना पुलिस के सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लोगों को अलर्ट किया गया है। ट्रैफ़िक पुलिस की तरफ से कोई भी चालान करने पर उसे निपटने का अधिकार आर. टी.ए. आफिस या अदालतों के पास हैं। ऐसे में ठगों की तरफ से आर.टी.ए. आफिस के नाम के साथ फ़र्ज़ी मैसेज भेजे जा रहे हैं। लोगों को चाहिए कि ऐसे ठगों से सावधान रहने और किसी शक की स्थिति में नज़दीकी पुलिस थाने या पुलिस कंट्रोल रूम पर संपर्क करें।