पंजाब में इस बीमारी का खतरा, जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को जारी हुई सख्त हिदायतें...

Edited By Vatika,Updated: 17 Jul, 2024 12:26 PM

there is a threat of this disease in punjab

बैठक में वित्त आयुक्त ग्रामीण विकास एवं पंचायत आलोक शेखर, प्रमुख सचिव जल आपूर्ति एवं स्वच्छता नीलकंठ एस अव्हाड़, सचिव स्वास्थ्य डा. अभिनव, सचिव स्थानीय निकाय रवि भगत और निदेशक स्थानीय निकाय उमा शंकर गुप्ता शामिल हुए।

जालंधर/चंडीगढ़: राज्य के कुछ शहरों में डायरिया के प्रकोप को बहुत गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने मंगलवार को राज्य के सभी उपायुक्तों के साथ एक आपातकालीन बैठक की। बैठक में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, नगर निगम आयुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त (शहरी विकास), एक्स.ई.एन., ई.ओ. और सिविल सर्जन भी शामिल हुए। बैठक में वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बहुत स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सभी नगर निगमों और नगर समितियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके संबंधित अधिकार क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रदूषण मुक्त पेयजल उपलब्ध हो।

उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों, कमिश्नर नगर निगमों (सी.एम.सी.) और कार्यकारी अधिकारियों (ई.ओ.) को निर्देश दिए कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले संवेदनशील क्षेत्रों और झुग्गी-झोपड़ियों का व्यक्तिगत रूप से दौरा करें। जहां भी पीने के पानी के दूषित होने की संभावना है, वहां तुरंत उपचारात्मक कदम उठाए जाएं। वर्मा ने स्थानीय निकाय सचिव को निर्देश दिए कि वे सभी सी.एम.सी. और ई.ओ. से प्रमाण पत्र लें कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी क्षेत्रों में प्रदूषण मुक्त पानी की आपूर्ति की जा रही है। वर्मा ने प्रमुख सचिव जल आपूर्ति और स्वच्छता को ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह की कवायद करने का निर्देश दिया। सभी एक्स.ई.एन. और एस.डी.ओ. को सभी गांवों और विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों का व्यक्तिगत रूप से दौरा करने का निर्देश दिया गया। प्रमुख सचिव जल आपूर्ति और स्वच्छता को सभी एक्स.ई.एन. और एस.डी.ओ. से प्रमाण पत्र लेने का निर्देश दिया कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी क्षेत्रों में प्रदूषण मुक्त पानी की आपूर्ति की जा रही है।

मुख्यमंत्री एस भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार, वर्मा ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि लिए जाने वाले पानी के नमूनों की संख्या दोगुनी की जाए। ऐसा करते समय, झुग्गी-झोपड़ियों और संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जहां भी कोई सैंपल फेल हो, मामले की सूचना तुरंत संबंधित डिप्टी कमिश्नर को दी जाए, जो बदले में उस क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। ऐसे क्षेत्रों में तुरंत टैंकरों के माध्यम से पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में क्लोरीन की गोलियां उपलब्ध कराई जानी चाहिए। वर्मा ने सचिव स्वास्थ्य को यह भी निर्देश दिया कि अब तक बीमार हुए लोगों का मुफ्त और उचित इलाज सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने डी.सी. को दैनिक आधार पर स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और उपरोक्त निर्देशों का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मोर्चे पर किसी की ओर से कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में वित्त आयुक्त ग्रामीण विकास एवं पंचायत आलोक शेखर, प्रमुख सचिव जल आपूर्ति एवं स्वच्छता नीलकंठ एस अव्हाड़, सचिव स्वास्थ्य डा. अभिनव, सचिव स्थानीय निकाय रवि भगत और निदेशक स्थानीय निकाय उमा शंकर गुप्ता शामिल हुए।

 

 

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