Edited By Vatika,Updated: 12 Dec, 2025 11:32 AM

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने संसद में एक महत्वपूर्ण जानकारी सांझा करते हुए माना
चंडीगढ़: चंडीगढ़: केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने संसद में एक महत्वपूर्ण जानकारी सांझा करते हुए माना है कि पंजाब में भूजल का स्तर बेहद चिंताजनक तरीके से गिर चुका है। लोकसभा सदस्य हरसिमरत कौर बादल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने बताया कि प्रदेश में भूजल दोहन की दर 156.36 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
72% ब्लॉक खतरे में
मंत्रालय द्वारा पेश किए गए 2025 के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में भूजल का वार्षिक पुनर्भरण 18.60 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) है, जबकि इसी वर्ष सिंचाई, उद्योग और घरेलू उपयोग के लिए लगभग 26.27 BCM पानी निकाला गया। बेहिसाब दोहन के कारण राज्य के 153 ब्लॉकों में से 111 ब्लॉक (72.55%) ‘ओवर-एक्सप्लॉइटेड’ श्रेणी में आ गए हैं। सिर्फ 17 ब्लॉक सुरक्षित, जबकि 10 गंभीर और 15 अर्ध-गंभीर स्थिति में हैं।
भूजल में जहरीले तत्व भी मिले
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि पंजाब के कई इलाकों में भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड और यूरेनियम जैसे जहरीले तत्व तय सीमा से अधिक पाए गए हैं। केंद्र सरकार ने बताया कि पानी राज्य सूची का विषय है, इसलिए भूजल प्रदूषण को रोकने और बचाने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है, हालांकि इनके प्रयासों को मजबूत करने के लिए केंद्र द्वारा पंजाब सहित देशभर में कई योजनाएं और पहल चलाई जा रही हैं।