Edited By Vatika,Updated: 24 Dec, 2025 02:33 PM

ताकि मानसून के दौरान पानी की निकासी में कोई दिक्कत न आए।
चंडीगढ़: केंद्र सरकार ने ब्यास नदी में डी-सिल्टिंग (गाद निकालने) की अनुमति फिलहाल पंजाब सरकार को नहीं दी है। बताया जा रहा है कि इस बड़े प्रोजेक्ट में घड़ियालों की मौजूदगी के कारण मंजूरी अटकी हुई है।
दरअसल, ब्यास नदी के किनारे करीब 230 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में डी-सिल्टिंग का प्रस्ताव है। इसके तहत कुल 58 साइटों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से 28 साइटों पर नदी में जमी गाद और रेत को हटाना बेहद जरूरी माना गया है। इससे बाढ़ के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, इन इलाकों में घड़ियाल पाए जाते हैं और ब्यास क्षेत्र को रामसर साइट घोषित किया गया है, जिस कारण केंद्र सरकार से अंतिम मंजूरी मिलने में देरी हो रही है। नियमों के अनुसार घड़ियालों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अनिवार्य है, इसलिए प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है।
पंजाब सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार जानबूझकर राज्य की अर्जी को नजरअंदाज कर रही है। राज्य सरकार ने मांग की है कि घड़ियालों को सुरक्षित तरीके से दूसरी जगह शिफ्ट करने की अनुमति जल्द दी जाए, ताकि डी-सिल्टिंग का काम समय पर शुरू हो सके और टेंडर प्रक्रिया भी पूरी की जा सके।
डी-सिल्टिंग से घटेगा बाढ़ का खतरा
प्रशासन के अनुसार ब्यास नदी में डी-सिल्टिंग का मुख्य उद्देश्य नदी की जल वहन क्षमता बढ़ाना और बाढ़ के खतरे को कम करना है। इसके लिए आधुनिक मशीनों की मदद से चरणबद्ध तरीके से गाद हटाई जाएगी, ताकि मानसून के दौरान पानी की निकासी में कोई दिक्कत न आए।