अकाली दल के ये 2 नेता कभी होते थे एक-दूसरे की परछाई, अब आमने-सामने!

Edited By Kamini,Updated: 01 Aug, 2024 07:14 PM

sukhdev singh dhindsa and balwinder singh bhundar face to face

शिरोमणि अकाली दल के 2 पूर्व नेता जो 45 वर्षों तक दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के दाएं और बाएं हाथ बनकर अकाली दल में रहे। इन नेताओं के बारे में चर्चा होती थी कि जो इन्होंने कह दिया वह पत्थर की लकीर थी।

लुधियाना (मुल्लामपुरी) : शिरोमणि अकाली दल के 2 पूर्व नेता जो 45 वर्षों तक दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के दाएं और बाएं हाथ बनकर अकाली दल में रहे। इन नेताओं के बारे में चर्चा होती थी कि जो इन्होंने कह दिया वह पत्थर की लकीर थी। जिसके कारण वह कई बार चुनाव हार गए, लेकिन 17 साल के आसपास ये दोनों नेता राज्यसभा के सदस्य बन गए और अकाली दल में एक-दूसरे के साये में बने रहे। अकाली दल में उनकी जोड़ी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं और उदाहरण भी आम सुनने को मिलते थे।

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जी हां, ये थे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा और बलविंदर सिंह भूंदड़। अब ये दोनों नेता अलग-अलग गुट से होने के कारण एक-दूसरे को लेकर राय दे रहे हैं और कहा जा रहा है कि ये दोनों अपने खेमे को बचाने के लिए एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ मैदान में उतरे बागियों को बलविंदर सिंह भूंदड़ चेयरमैन अनुशासन समिति ने 8 अकाली बागियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया, जबकि इन 8 बागियों को तुरंत अपने आका के पास और अकाली दल के संरक्षक सुखदेव सिंह ढींडसा से संपर्क किया गया, जिन्होंने 8 बागियों को निलंबित करने के फैसले को खारिज कर दिया और सुखबीर के खिलाफ झंडा उठाने की कसम खाई। जिसकी खबर आज दोनों तरफ से सुर्खियां बन रही है। आज एक पुराने नेता ने कहा कि बड़े बादल के जाने के बाद ढींडसा और भूंदड़ से उम्मीद थी कि वे अकाली दल को जिंदा रखने के लिए कुछ करेंगे, लेकिन आज वे क्या कर रहे हैं, यह सबके सामने है।

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