SIT मामले में नवजोत सिद्धू का बड़ा धमाका, अपनी ही सरकार पर उठाए ये बड़े सवाल

Edited By Vatika,Updated: 16 Apr, 2021 01:23 PM

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पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से एस. आई. टी. पर फैसले के बाद पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार के खिलाफ पूरी तरह मोर्चा खोल दिया है

पटियाला: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से एस. आई. टी. पर फैसले के बाद पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार के खिलाफ पूरी तरह मोर्चा खोल दिया है। आज पटियाला में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए सिद्धू ने यहां तक कह दिया कि जब कोई मामला दबाना होता है तो एस. आई. टी. बना दी जाती है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में सिट का मतलब ही सिट डाउन है। पंजाब सरकार पर बोलते सिद्धू ने कहा कि 2017 की विधानसभा चुवावों में कांग्रेस बेअदबी मामलों के दोषियों को सजा दिलाने और नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा करके सत्ता में आई थी, लेकिन पंजाब के लोग आज भी बेअदबी के मुलजिमों पर कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं या इस तरह कह ले कि लोगों ने उम्मीद ही छोड़ दी है। सिद्धू ने कहा कि जिन लोगों ने कांग्रेस की सरकार बनाई थी, वह आज भी अपने सवालों का जवाब इंतजार रहे हैं और खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। 

सिद्धू ने कहा कि इस मामले में जांच कमेटी बनी, जिसने अपनी रिपोर्ट सबूतों के आधार पर हाईकोर्ट में पेश की और इसमें मुलजिमों के बाकायदा नाम भी पेश किए गए लेकिन बावजूद इसके सरकार ने कहा कि हमने रिपोर्ट नहीं पढ़ी। उन्होंने कहा कि बेअदबी मामले पर सरकार ने जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन बनाया और जस्टिस रणजीत सिंह ने अपनी जांच पूरी की और रिपोर्ट में बाकायदा सबूतों के आधार पर मुलजिमों के नाम दिए और सावर्जनिक तौर पर कहा कि इन मुलजिमों पर मामला दर्ज करना बनता है। मामला गंभीर था क्योंकि पुलिस की गोलीबारी में 2 नौजवान मारे गए और 4-5 ज़ख़्मी हुए। सिद्धू ने कहा कि पंजाब विधानसभा में इस मामले पर विशेष सैशन बुलाया गया और रिपोर्ट सावर्जनिकत हुई। बाकायदा सैशन भी लाइव चला। इस सैशन में जो दोषी थे उन्होंने विधानसभा का मैदान ही छोड़ दिया। लगभग 100 विधायकों ने विधानसभा में मुलजिमों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सबूतों के बावजूद भी अज्ञात पुलिस पर मामला दर्ज क्यों किया गया।

सिद्धू ने कहा कि पंजाब के लोगों को बताया जाए कि दर्ज की गई एफ. आर. में किसी का नाम क्यों नहीं है। गोली कांड में शामिल पुलिस मुलाजिम कौन से थे? जिन्होंने गोली चलाने के आदेश दिए वह कौन थे? सिद्धू ने कहा कि इन सवालों के जवाब पंजाब का बच्चा-बच्चा जानता है, विधायकों को पता है, पंजाब के लोगों को पता है लेकिन फिर भी अज्ञात पर मामला दर्ज क्यों किया गया। उस समय के डी. जी. पी. और प्रकाश सिंह बादल के बीच रात अढ़ाई बजे बातचीत हुई, फिर भी एफ. आई. आर. में किसी राजनीतिक व्यक्ति का नाम नहीं है। उन्होंने कहा कि कि बड़ा सवाल यह है कि फ़ैसला लेने वाले का नाम कहां है, जब किसी अज्ञात पर मामला दर्ज हो तो बिना बुनियाद इमारत कैसे खड़ी की जा सकती है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार पर सवाल इसलिए भी उठता है कि कांग्रेस के पास चिदंबरम और दुष्यंत दवे जैसे बड़े वकील हैं लेकिन गुरु साहिब केस में एडवोकेट जनरल को क्यों लगाया गया। सिद्धू ने कहा कि जस्टिस रणजीत सिंह की रिपोर्ट जब सार्वजनिक हुई थी तो मुलजिमों की मंशा सामने आई थी, इसलिए वह मांग कर रहे हैं कि कुंवर विजय प्रताप वाली जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जाए। सिद्धू ने कहा कि व्यवस्था ने ही मुलजिमों पर पर्दा डाला है और जब सिट की रिपोर्ट मेरे हाथ में होगी तो इस पर भी मैं टिप्पणी करूंगा। आखिर में सिद्धू ने कहा कि पंजाब में सिट का मतलब है सिट डाउन, जांच दबाने के लिए ही पंजाब में एस. आई. टी. बनाई जाती है।

 

 

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