कोरोना संक्रमित लाशों में से अंग निकालने के मामले में लिया गया गंभीर नोटिस

Edited By Tania pathak,Updated: 07 Sep, 2020 10:39 AM

serious notice taken to remove organs from corona infected corpses

पंजाब में एक भी ऐसा सरकारी अस्पताल नहीं है, जहाँ मानवीय अंग निकाल कर जरूरतमंद मरीज़ों को लगाऐ जा सकते हैं और अंग बदलने की प्रक्रिया आसान नहीं है...

पटियाला (परमीत): पंजाब के सरकारी अस्पतालों में कोरोना बीमारी के कारण दाख़िल गंभीर मरीजों की मौत के उपरांत लाश के शरीर में से अंग निकाल लिए जाने के कथित मामलों का राज्य की मैडीको-लीगल माहिरों की संस्था 'पंजाब एकेडमी ऑफ़ फोरेंसिक मैडिसन एंड टौकसीकौलोजी'(पैफमैट) की तरफ से गंभीर नोटिस लिया गया है।

एकेडमी के राजसी प्रधान और राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्डी डा. भुल्लर ने कहा है कि कोरोना शवों में से अंग निकालने की अफ़वाहे बिलकुल झूठ और बेबुनियादी हैं और कुछ अनपढ़ और अज्ञानी लोगों की तरफ से बिना तर्क यह फैलाई जा रही हैं और निष्कर्ष के तौर पर सरकार और सेहत विभाग की तरफ से कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए शुरु की मुहिम और सेवाओं को नीचे कर रही हैं, जिस का सीधे तौर पर नुक्सान गंभीर मरीज़ों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि ऐसीं अफ़वाहों कारण मरीज़ अस्पतालों में जाने से डरते हैं और इलाज में देरी हो जाने कारण मौत भी हो सकती है।

पंजाब में एक भी ऐसा सरकारी अस्पताल नहीं है, जहाँ मानवीय अंग निकाल कर जरूरतमंद मरीज़ों को लगाऐ जा सकते हैं और अंग बदलने की प्रक्रिया आसान नहीं है क्योंकि कई तरह के कानूनी पड़ाव पार करने उपरांत और कई तरह के मैडीकल टैस्ट के उपरांत ही माहिरों की टीम फ़ैसला करती है कि ऐसे अंग असली मरीज़ को दिए जा सकते हैं या नहीं। कोरोना महामारी के कारण सिर्फ़ पंजाब में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में मौतें हो रही हैं और मानवीय अंगों के निकालने की झूठी अफ़वाहों फैलाने वालों ख़िलाफ़ तुरंत सख़्त कानूनी कार्यवाही करनी बनती है।

सरकारी अस्पतालों के डाक्टर और पैरा -मैडीकल कर्मचारी अपनी और अपने परिवार की जानें को खतरे में डाल कर दिन -रात कोरोना मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं और देश की सरहदों पर चौकीदारी करने वाले जवानों की तरह ही लोगों की जान बचाने के लिए कोरोना रूपी अंदरूनी दुश्मन के साथ लड़ रहे हैं और लोगों को फ़ौज की तरह ही मैडीकल माहिरों को सत्कार देना बनता है परन्तु कुछ घटिया सोच वाले लोग इस के उलट डाक्टरों के साथ गलत बर्ताव कर रहे हैं।

डा. भुल्लर अनुसार सरकारी राजिन्दरा अस्पताल पटियाला में कोरोना महामारी दौरान मरीज़ों का इलाज करन वाले 44 डाक्टरों समेत 100 से अधिक सेहत मुलाज़ीम अब तक इस बीमारी का ख़ुद शिकार हो चुके हैं परन्तु ठीक होने उपरांत फिर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, जबकि दूसरे तरफ़ लोग अपने रिश्तेदारों का संस्कार करने से भी भाग रहे हैं। उन्होंने पंजाब निवासियों से अपील की है कि कोरोना संबंधी हर तरह की झूठी अफ़वाहों से बचा जाए। 

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