Edited By Sunita sarangal,Updated: 11 Feb, 2020 03:21 PM
पक्षियों की चहक सुनकर अब दिन की शुरुआत नहीं होती लेकिन शायद ही लोगों को इसका एहसास हो रहा होगा।
बरनाला(पुनीत मान): पक्षियों की चहक सुनकर अब दिन की शुरुआत नहीं होती लेकिन शायद ही लोगों को इसका एहसास हो रहा होगा। आधुनिकता और विज्ञान के युग में पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं की कई किस्में लुप्त होने की कगार पर हैं लेकिन पंजाब के कुछ युवक अपनी मेहनत से उन्हें लुप्त होने से बचा रहे हैं।
दरअसल बरनाला के गांव धौला के 6-7 युवकों ने 2008 से इन पक्षियों को बचाने के लिए घौंसले लगाने की मुहिम शुरू की थी और आज इनके साथ पूरा गांव खड़ा है। युवकों ने बताया कि वे घौंसलें लगाने का काम पूरे पंजाब के लोगों को सिखा रहे हैं।
इस मुहिम की शुरुआत करने वाले जगतार और उसके साथी सन्दीप धौला ने बताया कि इस मुहिम की शुरुआत करने से लुप्त हुई किस्मों में बड़ी संख्या में वृद्धि हुई है। सन्दीप ने बताया कि पक्के मकान बनने से और वृक्षों की कटाई के कारण पक्षियों को घौंसले बनाने की जगह नहीं मिल रही थी, जिस कारण धीरे-धीरे यह प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर थी, जिसे देखते हुए उन्होंने घौंसले लगाने का काम शुरू किया।
नतीजा यह निकला कि आज लुप्त हो रहे पक्षियों ने इन घौंसलों में अपना घर बनाना शुरू कर दिया है। युवकों ने बताया कि इस मुहिम से खुश होकर पंजाब सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया था। साथ ही कई संस्थाओं ने भी उनका सम्मान किया।
बेशक आज हम 21वीं सदी में पहुंच चुके हैं और देश में विकास तेजी से हो रहा है लेकिन हमें इस विकास की कीमत भी उठानी पड़ रही है। विकास के नाम पर धड़ल्ले से हो रही पेड़ों की कटाई से घौंसले में रहने वाले पक्षी और अन्य कई प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर हैं, जिससे कुदरत का संतुलन बिगड़ रहा है।