Edited By Sunita sarangal,Updated: 26 Jan, 2020 04:19 PM
पंजाब के लंगर बाबा को पद्म श्री अवार्ड के साथ सम्मानित किया गया है। लंगर बाबा का असली नाम जगदीश लाल अहूजा है।
चंडीगढ़: पंजाब के लंगर बाबा को 'पद्म श्री अवार्ड' के साथ सम्मानित किया गया है। लंगर बाबा का असली नाम जगदीश लाल अहूजा है। वह चंडीगढ़ में रहते हैं और पिछले 38 वर्षों से भूखे और जरूरतमंद लोगों को भोजन दे रहे हैं। इसी कारण उन्हें 'लंगर बाबा' के नाम से जाना जाता है।
बिना छुट्टी के कर रहे सेवा
जगदीश पिछले 20 वर्षों से बिना छुट्टी के पी.जी.आई. चंडीगढ़ के बाहर दाल, चावल, रोटी का लंगर लगा रहे हैं। वह जरूरतमंदों की मदद भी करते हैं। रोजाना वह 500 से 600 व्यक्तियों का लंगर तैयार करते हैं। साथ ही बच्चों को खिलौने भी दिए जाते हैं। दूसरों की मदद के लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेच दी। उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की प्रेरणा अपनी दादी से मिली जो पेशावर में गरीब लोगों के लिए ऐसे ही लंगर लगाया करती थीं।
भारत से पाकिस्तान का सफर
जगदीश भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय केवल 12 वर्ष के थे। वह अपने परिवार के साथ भारत में पंजाब के मानसा शहर में आ गए। उन्हें रेलवे स्टेशन पर नमकीन दालें बेचने का काम भी करना पड़ा। कुछ समय बाद वह पटियाला चले आए, जहां गुड़ और फल बेचकर उन्होंने गुजारा किया। लगभग 21 साल की उम्र में वह चंडीगढ़ आ गए। यहां उन्होंने केले की रेहड़ी लगानी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि किसी को भी केला पकाना नहीं आता था। इस काम में माहिर होने के कारण उन्होंने बहुत अच्छी कमाई की।