Edited By Subhash Kapoor,Updated: 27 Aug, 2024 05:10 PM
गांव मेवा सिंह वाला के कुलदीप लाल की फिलीपींस के मनीला में संदिग्ध हालात में मौत हो गई, जो वहां गांव के ही बलदेव सिंह के रैस्टोरैंट में काम करने गया था। अब बलदेव सिंह मेवा सिंह का शव वापस भेजने के लिए उसकी विधवा से मकान नाम करवाने का दबाव बना रहा...
सुल्तानपुर लोधी : गांव मेवा सिंह वाला के कुलदीप लाल की फिलीपींस के मनीला में संदिग्ध हालात में मौत हो गई, जो वहां गांव के ही बलदेव सिंह के रैस्टोरैंट में काम करने गया था। अब बलदेव सिंह मेवा सिंह का शव वापस भेजने के लिए उसकी विधवा से मकान नाम करवाने का दबाव बना रहा है, जिस पर उसने संत बलबीर सिंह सीचेवाल को ज्ञापन देकर मदद की गुहार लगाई है।
मृतक कुलदीप लाल की विधवा भजन कौर ने बताया कि उसका पति 19 महीने पहले मनीला गया था। वह गांव के बलदेव सिंह और उसकी पत्नी मंजीत कौर के रैस्टोरैंट में काम करने गया था। इंगलैंड जाने से पहले संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पीड़ित परिवार की मांग पर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है।
भजन कौर ने बताया कि परिवार कुलदीप लाल का अंतिम संस्कार करने के लिए तरस रहा है। उनकी बेटी कुलबीर कौर ने बताया कि पिता की 15 अगस्त 2024 को मनीला में मौत हो गई थी। बलदेव सिंह उन पर शव वापस भेजने के बदले गांव में स्थित 2 मरले का मकान देने का दबाव बना रहा है, जिसकी कीमत 3 लाख रुपए से ज्यादा नहीं है, फिर भी वह उनकी छत छीनने की कोशिश कर रहा है।
गौर हो कुलदीप लाल घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिसम्बर 2022 में बलदेव सिंह के माध्यम से विदेश गया था, जिसे उसकी पत्नी मंजीत कौर ने अच्छे वेतन और उज्ज्वल भविष्य का वायदा किया था पर वहां जाने पर घर के हालात बद से बदतर हो गए, क्योंकि बलदेव ने पति को उचित पैसा देने की बजाए कैदी बनाकर रखा था व उनसे बात भी नहीं करने देता था, जिससे उनका उससे संपर्क टूट गया।
विधवा भजन कौर अपने परिवार के साथ निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी पहुंची और राज्यसभा सदस्य बलबीर सिंह सीचेवाल से पति का शव वापस लाने की मांग की, जिस पर संत सीचेवाल ने विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा, जिस पर विदेश मंत्रालय ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
बंदी बनाकर रखा था, पीटता था मालिक
विधवा भजन कौर ने बताया 19 महीनों में कुलदीप लाल ने उन्हें 40,000 रुपए की मामूली राशि भेजी, जो वायदे की कमाई से बहुत दूर है। मालिक बलदेव उसके पति को पीटता था व उसे बंदी बनाकर प्रताड़ित करता था। वह अपने पति की सुरक्षा के डर से चुप रही, क्योंकि वह उसकी घर वापसी को प्राथमिकता दे रही थी पर उसकी मौत की खबर ने उनसे सबकुछ छीन लिया।