Edited By Subhash Kapoor,Updated: 25 Jul, 2025 06:32 PM

जिले के गांव गहरी भागी में एक और किसान ने कर्ज के बोझ तले दबकर अपनी जान दे दी। मृतक किसान की पहचान 50 वर्षीय जगसीर सिंह के रूप में हुई है, जो एक सीमांत किसान था और सिर्फ दो एकड़ जमीन का मालिक था।
बठिंडा (विजय) : जिले के गांव गहरी भागी में एक और किसान ने कर्ज के बोझ तले दबकर अपनी जान दे दी। मृतक किसान की पहचान 50 वर्षीय जगसीर सिंह के रूप में हुई है, जो एक सीमांत किसान था और सिर्फ दो एकड़ जमीन का मालिक था। जानकारी के अनुसार, उस पर करीब 9 से 10 लाख रुपये का कर्ज था जो उसने विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं से लिया था।
ग्रामीणों के अनुसार जगसीर सिंह पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में था और कर्ज की अदायगी को लेकर बेहद परेशान रहता था। गुरुवार को उसने कीटनाशक खाकर आत्महत्या करने का कदम उठाया। परिजनों ने तत्काल उसे एक निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां से गंभीर हालत के चलते उसे एम्स बठिंडा रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतक किसान अपने पीछे पत्नी सुखजीत कौर (40) और तीन बेटियों को बेसहारा छोड़ गया है। परिवार गहरे सदमे में है और गांव में मातम पसरा हुआ है।
गांव के सरपंच बलजीत सिंह, पूर्व सरपंच धर्म सिंह और भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने सरकार से मांग की है कि मृतक के परिवार का कर्ज तत्काल माफ किया जाए और परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए, ताकि बेटियों का पालन-पोषण और भविष्य सुरक्षित किया जा सके। किसान संगठनों का कहना है कि पंजाब में किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। हर सरकार ने किसानों के हितैषी होने का दावा किया, मगर जमीनी हकीकत यह है कि कर्ज में डूबे किसान आज भी मौत को गले लगाने को मजबूर हैं।