Edited By Kalash,Updated: 13 Dec, 2021 12:12 PM

पनबस, पी.आर.टी.सी. कांट्रेक्ट वर्करों की हड़ताल के कारण करीब 150 बसें बंद रहने से विभाग के रेवेन्यू पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है
पटियाला (परमीत): पनबस, पी.आर.टी.सी. कांट्रेक्ट वर्करों की हड़ताल के कारण करीब 150 बसें बंद रहने से विभाग के रेवेन्यू पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसमें लगभग 6 दिनों में 7 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल होगा। उधर, सरकारी बसें न मिलने के कारण मुसाफिर बेहद परेशान हो रहे हैं, जिसमें पास वाले और मुफ्त सफर करने वाली महिलाएं निजी बसों में सफर करने के लिए मजबूर हो रही हैं। पी.आर.टी.सी., पनबस और पंजाब रोडवेज कांट्रेक्ट यूनियन के प्रधान रेशम सिंह गिल के नेतृत्व में इस हड़ताल में पी.आर.टी.सी. और पनबस के कच्चे कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं।
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यूनियन के प्रवक्ता हरकेश विक्की का कहना है कि इस हड़ताल में लगभग 8 हजार कच्चे कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं। पंजाब रोडवेज पनबस, पी.आर.टी.सी. कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन की चल रही हड़ताल के 6वें दिन भी अपनी मांगों संबंधी बसें का चक्का जाम कर डीपू के गेट पर प्रदर्शन करने के लिए डटे रहे।
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सरकार की विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए राज्य के उपप्रधान सतनाम सिंह, परवीन कुमार, गुरप्रीत सिंह वड़ैच, पी.आर.टी.सी. के अंमृत सिंह, गुरजंट सिंह और हरजिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार के पास ट्रांसपोर्ट विभाग के कच्चे कर्मचारियों की मांगे मानने के लिए समय नहीं है। इस वजह से कर्मचारी बसों का स्टेयरिंग छोड़ कर हड़ताल कर अपनी जायज मांगों को मनवाने के लिए बैठे हुए हैं पर सरकार टस से मस नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि 14 दिसंबर की होने वाली कैबिनेट मीटिंग में यदि सरकार ने कर्मचारी के हक में कोई फैसला न सुनाया तो वह संघर्ष तेज करेंगे।
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सतनाम सिंह ने कहा कि उन्हें ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से मिल रही जानकारी के अनुसार उनकी मांगे कैबिनेट मीटिंग में पूरी होने की उम्मीद नजर आ रही है पर यह किसी भी अधिकारी की तरफ से स्पष्ट नहीं किया जा रहा कि उनकी मुख्य मांगे क्या हैं।
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