Edited By Vatika,Updated: 10 May, 2018 09:40 AM
जो इंस्पैक्टर 3 महीने पहले ही सरकार और अधिकारियों का चहेता था और उसकी बढिय़ा परफार्मैंस के लिए उसे डी.जी.पी. कॉमैन्डेशन डिस्क से सम्मानित किया गया था, कांग्रेस प्रत्याशी लाडी शेरोवालिया पर केस दर्ज करते ही वह एस.एच.ओ. सरकार व अधिकारियों की आंखों में...
जालन्धर (रविंदर): जो इंस्पैक्टर 3 महीने पहले ही सरकार और अधिकारियों का चहेता था और उसकी बढिय़ा परफार्मैंस के लिए उसे डी.जी.पी. कॉमैन्डेशन डिस्क से सम्मानित किया गया था, कांग्रेस प्रत्याशी लाडी शेरोवालिया पर केस दर्ज करते ही वह एस.एच.ओ. सरकार व अधिकारियों की आंखों में किरकिरी बन गया है। बात कर रहे हैं इंस्पैक्टर परमिंदर बाजवा की। बाजवा के बारे सरकार अब विपक्ष के हाथों में खेलने व उसकी मानसिक स्थिति ठीक न होने की बात कह रही है।
22 फरवरी 2018 को इस संबंधी जारी आदेशों में कहा गया है कि इंस्पैक्टर परमिंदर सिंह नंबर 348 जे.आर. जिला कपूरथला को उसकी बेहतरीन पुलिसिंग प्राप्तियां और उसकी जनता हित में निभाई सेवाओं के बदले में उसकी हौसला अफजाई के लिए डी.जी.पी. कॉमन्डेशन सर्टीफिकेट से सम्मानित किया जाता है। गौर हो कि जहां सी.एम. कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने खुद सीधे तौर पर एस.एच.ओ. पर विपक्ष के नेताओं के हाथों में खेलने का आरोप लगाया है, वहीं जिले के अधिकारी भी उनकी मानसिक स्थिति ठीक न होने की बात कह कर उसके खिलाफ रिपोर्ट भेज रहे हैं।
सरकार की ओर से तो अब कॉमन्डेशन डिस्क से सम्मानित इस इंस्पैक्टर को शाहकोट उपचुनाव से दूर रखने की मांग भी रखी जा रही है। यह भी चर्चा जोर पकड़ चुकी है कि शाहकोट उपचुनाव खत्म होते ही सरकार इंस्पैक्टर बाजवा की सेवाएं समाप्त कर सकती है। हैरानी की बात यह है कि जिस इंस्पैक्टर को सरकार व पुलिस अधिकारी 3 महीने पहले बेहद काबिल व अच्छी परफार्मैंस देने वाला मान रहे थे, अचानक लाडी शेरोवालिया पर केस दर्ज होते ही वह इंस्पैक्टर अब दागी हो गया है। सरकार व अधिकारियों की इस दोहरी चाल को आने वाले दिनों में विपक्ष के नेता तो भुना ही सकते हैं, वहीं सरकार के रवैये से अन्य थाना प्रभारियों पर भी गहरा असर पड़ सकता है।