प्रशासन की लाचार व्यवस्था से प्रवासी मजदूर परेशान, रोजाना मायूस होकर लौट रहे रेलवे स्टेशन से

Edited By Tania pathak,Updated: 19 May, 2020 04:51 PM

migrant laborers upset due to helpless of administration

लगभग 5000 मजदूरों को घर जाने की उम्मीद रेलवे स्टेशन पर आकर टूट रही है। प्रशासनिक अधिकारी भी इस मामले से अवगत होते हुए कोई समस्या का हल नहीं निकाल रहे हैं...

अमृतसर (दलजीत शर्मा):  पंजाब से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सही इंतजाम न किए जाने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ढीले प्रबंध के चलते प्रतिदिन लगभग 5000 मजदूरों को घर जाने की उम्मीद रेलवे स्टेशन पर आकर टूट रही है। प्रशासनिक अधिकारी भी इस मामले से अवगत होते हुए कोई समस्या का हल नहीं निकाल रहे हैं। यह आरोप सेवाहि धर्म जन कल्याण मंडल के अध्यक्ष रामभवन गोस्वामी ने लगाए हैं। गोस्वामी ने बताया कि है उनकी संस्था  प्रवासी मजदूरों की भलाई के लिए  काम कर रही है। समय-समय पर  प्रवासी भाईचारे की समस्याओं को लेकर जन आंदोलन भी छेड़े जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की महामारी के दौरान  पंजाब में मजदूर  मजबूर होकर रह गया है  खासकर अमृतसर में काम धंधे बंद होने के कारण  हर प्रवासी अपने  घर को जाने के लिए  बेचैन है। उन्होंने ने कहा 7 मई से अमृतसर स्टेशन से उत्तर प्रदेश व अन्य प्रदेशों के लिए चलाई जाने वाली र्टेनो में लगभग  23,24%  ही मजदूर  अपने घर जा पाए हैं जबकि एक ट्रेन में लगभग 200 से 300 लोग प्रशासन की अव्यवस्था के शिकार हो जाते हैं। प्रशासन द्वारा भेजे गए मैसेज कुछ लोगों को ट्रेन छूटने के दो-तीन घंटे पहले पहुंचते हैं या कुछ लोगों का मेडिकल होने तक ट्रेनें फुल हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में अब तक की गई हुई ट्रेनों में से उन्नाव, गोंडा, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, गोरखपुर, अमेठी, सिद्धार्थ नगर ,महाराजगंज ,रायबरेली, जिले के लगभग 4 से 5000 लोग हैं जिनका कुछ का मैसेज नहीं आया कुछ को फोन आया लेकिन टोकन नंबर नहीं मिला।  कुछ को देर से मैसेज आया और कुछ का मेडिकल हुआ तो ट्रेन भर गई। ऐसी स्थिति में यह लोग रोज शहर के होने वाले मेडिकल स्क्रीनिंग स्थानों पर अपने परिवार के साथ जाते हैं और 6 घंटे के करीब लाइन में खड़े होने के बाद फिर इनका नंबर नहीं लगता और फिर वापस आ जाते हैं कई लोगों को मकान मालिक वापस आने के बाद दोबारा घर में नहीं घुसने देते उनको फुटपाथ पर जीवन निर्वाह करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में इन लोगों का धैर्य और संयम टूटता जा रहा है और प्रशासन से विश्वास खत्म हो रहा है। तथा मजबूरन सोशल डिस्टेंस और लॉकडाउन नियमों का अवहेलना करना पड़ रहा है।  

इस अवसर पर मंडल के  उपाध्यक्ष राजाराम बिश्नोई, संतोष सिंह गांधी, जोगिंदर उपाध्याय,अशोक कुमार यादव, अंबिका दुबे, राजकुमार मौर्य, भरत सिंह, वाह साजन शर्मा ने ने कहा कि प्रशासन शीघ्र ही ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर सभी साथियों का पहुंचाने की व्यवस्था करें क्योंकि अब सभी साथियों को समझाना मुश्किल होते जा रहा है ।

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