सबके सहयोग से बना हुआ है लॉ एंड ऑर्डर : DGP

Edited By Sunita sarangal,Updated: 10 Jan, 2021 01:06 PM

law and order is made with everyone s cooperation dinkar gupta

पंजाब के डी.जी.पी. बोले... अगस्त और सितम्बर से किसान संगठनों ने 120 जगहों पर धरने लगाए हुए हैं राज्य में

जालंधर(रमनजीत): पंजाब पुलिस शुरू से ही अपनी बहादुरी व शौर्य के लिए जानी जाती रही है लेकिन इसके मानवीय चेहरे पर कभी ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था। कोरोना की वजह से लगे कर्फ्यू व लॉकडाऊन के दौरान पुलिस द्वारा समाज के विभिन्न लोगों के लिए किए गए कार्यों ने असल में लोगों को पुलिस के मानवीय होने का भी एहसास कराया। यह एहसास नॉर्मल समय में नहीं हो पाता। यकीनन अब लोग पुलिस को कानून का रक्षक मानने के साथ-साथ अपने सहयोगी व दोस्त के तौर पर भी देखने लगे हैं। यह कहना है पंजाब पुलिस के डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता का। 

पुलिस को देखने के नजरिए में बदलाव आया है और यह सकारात्मक है
प्रश्न:
वैसे तो 2020 सबके लिए ही मुश्किलों भरा गुजरा, लेकिन पंजाब पुलिस के प्रमुख के तौर पर आप क्या कहेंगे, कैसे गुजरा यह वर्ष?
उत्तर: शुरूआत तो नॉर्मल ही हुई थी, लेकिन मार्च के दौरान देशभर में लॉकडाऊन की घोषणा के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंन्द्र सिंह ने स्थिति की गंभीरता के मुताबिक कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया। यह अप्रत्याशित मौका था, क्योंकि पूरे राज्य में कर्फ्यू लगाया गया था। एकदम लगाए गए कर्फ्यू से सभी की दिक्कतें बढ़ गईं, सबकुछ बंद हो गया, ट्रांसपोर्ट भी नहीं और लोगों को राशन का टोटा भी हुआ। शुरूआती दिनों में ही ग्राऊंड स्तर पर पुलिस फोर्स ने लोगों की स्थिति भांपकर खुद से ही राहत कार्य शुरू कर दिए। 

लोगों को उनके परिवारों की सूचनाओं का आदान-प्रदान, किसी जगह पर फंसे हुए लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचने में सहयोग से लेकर रोजमर्रा की चीजों की उपलब्धता, राशन-पानी की सप्लाई और फिर लंगर पहुंचाने तक का काम भी पुलिस ने किया। कहते हैं कि मुसीबत में ही अच्छे-बुरे की पहचान होती है और मुसीबत के मारे लोगों को पुलिस के इस मानवीय पक्ष का गहरा एहसास हुआ। यही वजह रही कि न सिर्फ समाज के आम नागरिकों, बल्कि कोरोना को लेकर हुई सर्वदलीय राजनीतिक बैठक में शामिल राजनीतिक लोगों ने भी मुख्यमंत्री के समक्ष पुलिस द्वारा निभाई गई भूमिका की प्रशंसा की। पुलिस के देखने के नजरिए में बदलाव आया है और यह सकारात्मक है।

रूटीन कार्य के साथ-साथ अतिरिक्त मिली जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया
प्रश्न:
लंबे खिंचे कर्फ्यू और लॉकडाऊन ने रूटीन पुलिसिंग पर क्या असर डाला, फायदा हुआ या नुक्सान?
उत्तर: लॉकडाऊन के कई पहलू रहे। अच्छे में यह रहा कि इससे न सिर्फ ड्रग सप्लाई चेन तोड़ने में मदद मिली, बल्कि सप्लाई चेन पर हुए बड़े प्रहार के कारण नशे में लगे युवा भी नशा छोड़ने की तरफ प्रेरित हुए। इस वर्ष का क्राइम डाटा देखें तो रूटीन तरह के क्राइम में बड़ी कमी रही। लॉकडाऊन के बावजूद पुलिस पूरी तरह सक्रिय रही और इसी का नतीजा रहा कि 700 किलो हैरोइन बरामद की गई, नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं करोड़ों की संख्या में पकड़ी गईं। 

पुलिस की लगातार सक्रियता की बदौलत ही जम्मू-कश्मीर से जुड़े आतंकी संगठनों के लोगों को धर-दबोचा गया। ड्रोन की सहायता से होने वाली नशा और हथियारों की तस्करी के मामले पकड़े गए। कुल मिलाकर कहा जाए तो पुलिस को अपने रूटीन कार्य के साथ-साथ अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली, जिसे बखूबी निभाया गया। 

प्रश्न: वर्ष की शुरूआत में कोरोना लॉकडाऊन और वर्ष खत्म होने के समय किसान आंदोलन। दोनों ही पंजाब पुलिस के लिए चुनौती रहे, क्योंकि जिस वक्त पंजाब में कोरोना अपने पीक पर था, उसी दौर में किसान धरनों पर आ बैठे। नियमों का पालन कराने में कितनी कठिनाई आई?
उत्तर: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पुलिस के 49 लोग बलिदान दे गए। पुलिस ने कोरोना काल को अपने बदन पर सहा, अगस्त-सितंबर के महीनों में कोरोना पंजाब में उच्चतम स्तर पर था और उसी समय से किसान संगठन भी राज्य में 120 जगहों पर धरने लगाए हुए हैं, जो अब तक जारी है। स्थिति वाकई मुश्किल रही, लेकिन किसान संगठनों ने शुरूआत में ही की गई बैठकों के दौरान अपने लोकतांत्रिक हक को शांतिपूर्वक इस्तेमाल करने का वायदा किया था और यह खुशी की बात है कि अब तक यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है। 

राज्य में सबके सहयोग से कानून-व्यवस्था बनी हुई है। किसानी के मसले पर आंदोलन है और जाहिर सी बात 
है कि पंजाब के हर घर से सीधा जुड़ा मामला है, इसलिए पुलिस फोर्स को इस आंदोलन को मैनेज करने के लिए भी काफी कुछ करना पड़ा। मुझे उम्मीद है कि आंदोलन इसी तरह शांतिपूर्ण किया जाएगा तो पुलिस को बल प्रयोग की जरूरत ही नहीं।

प्रश्न: पुलिस अब सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगी, क्योंकि किसान आंदोलन के दौरान बहुत से पक्ष उभरे है। कुछ लोग सोशल मीडिया पर भड़काने वाला कंटेंट भी दे रहे हैं? 
उत्तर; बिल्कुल, सोशल मीडिया व साइबर स्पेस बहुत बड़े आयाम हैं और भविष्य की बड़ी चुनौतियां भी। पंजाब पुलिस इस पर लगातार अपनी कुशलता बढ़ा रही है क्योंकि पंजाब के युवाओं को विदेशों में बैठे बहुत से लोग भड़काने की फिराक में रहते हैं। वह लोग खुद तो अपने बच्चों को आलीशान जिंदगी में रखते हैं, जबकि हमारे बच्चों को यहां भड़काकर गलत कामों में धकेलना चाहते हैं। इसे रोकने के लिए ही पंजाब पुलिस आई.टी. प्रोफैशनलों की भर्ती करने जा रही है। 1000 आई.टी. एक्सपर्ट-डोमेन एक्सपर्ट भर्ती किए जाएंगे, 5000 कांस्टेबलों की भी भर्ती की जानी है और पंजाब पुलिस देश की ऐसी पहली फोर्स बनेगी, जो सिविल स्टाफ को भी भर्ती करेगी। क्राइम डिटैक्ट करने के साथ-साथ केस को मजबूती के साथ अदालत तक पहुंचाने के लिए भी कई प्रयास हो रहे हैं, जिससे पंजाब पुलिस और भी बेहतर बनकर उभरेगी।

हथियार पंजाब का कल्चर हैं, उनके दम पर हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता
प्रश्न:
क्या पंजाब पुलिस मोरल पुलिसिंग पर आ गई है, गायक श्री बराड़ को गिरफ्तार किया गया और सोशल मीडिया पर लोग कह रहे कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि उसने किसान एंथम लिखा है? 
उत्तर: देखिए, आर्टिस्टिक फ्रीडम की हम भी कद्र करते हैं और मानते हैं कि कला के मामले में बहुत कुछ होता है। जिस गायक की आप बात कर रहे हैं, उसे अपने एक गाने में पुलिस थाने से बंदा जबरदस्ती छुड़ा लेने व नाभा जेल से हथियारों के दम पर बंदा निकालने जैसे भड़काऊ गाने के कारण गिरफ्तार किया गया। इसका किसान एंथम से कोई लेना-देना नहीं है। हथियार पंजाब का कल्चर हैं, पंजाब पुलिस भी जानती है, लेकिन उनके दम पर किसी को भी हिंसा को बढ़़ावा देने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

प्रश्न: Gangster और आतंकवादी संगठनों से जुड़े लोग हमेशा ही सक्रिय रहते है, क्या अभी भी ऐसा ही है?
उत्तर: देखिए, पंजाब एक सीमांत राज्य है और विदेशी धरती से लगातार गड़बड़ी की कोशिशें होती रहती हैं। कुछ ही वर्षों के दौरान कभी टारगेटेड किलिंग्स से माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया तो कभी ग्रेनेड अटैक हुए लेकिन पंजाब पुलिस लगातार काम पर डटी रही और बड़ी संख्या में ग्रेनेड, असॉल्ट राइफल्स, अन्य हथियार पकड़े। आतंकी संगठनों के ऐसे लोगों को भी दबोचा, जो हथियारों, नशा और पैसे की सप्लाई में लगे हुए थे।

वहीं, गैंगस्टरों की बात करें तो विभिन्न तरह के संगठित अपराध ग्रुपों से जुड़े तकरीबन 3000 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अप्रैल-2017 से अब तक 11 ए-कैटेगरी के गैंगस्टर मारे जा चुके हैं। पंजाब पुलिस ने न सिर्फ अपने राज्य या देश, बल्कि विदेशों की धरती से भी सुखप्रीत सिंह बुड्ढा और सुख भिखारीवाल जैसे गैंगस्टरों को शिकंजे में लिया है। आर्मेनिया से भी एक अन्य गैंगस्टर जल्द ही पंजाब लाया जाएगा। 

प्रश्न: राजनीतिक लोगों का विरोध हो रहा है। जाहिर सी बात है कि विरोध होगा तो तनातनी भी होती है। आगामी समय में म्यूनिसिपल चुनाव है। कैसे मैनेज करेंगे?
उत्तर: राजनीतिक गतिविधियों के दौरान बहुत कुछ होता रहता है। पंजाब पुलिस की ड्यूटी है कि नेताओं, फिर भले ही वे राजनीतिक हों या फिर धार्मिक-सामाजिक, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे। राज्य में कुछ राजनेताओं के विरोध को देखते हुए पंजाब पुलिस द्वारा विशेष तौर पर काम किया जा रहा है, ताकि उक्त नेताओं को सुरक्षित रखा जा सके। ऐसे आंदोलन के समय राज्य में म्यूनिसिपल चुनाव भी होने हैं और यकीनन म्यूनिसिपल चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना बड़ा चैलेंज होगा।

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