दिल्ली बार्डर पर पहली कतार में किसानों के साथ डटी हैं ‘पंजाब की बेटियां’

Edited By Vatika,Updated: 30 Nov, 2020 12:47 PM

kisan andolan farmers in first line on delhi border

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न बार्डरों पर पिछले 4 दिनों से चल रहे आंदोलन में जहां पंजाब के लाखों किसान-मजदूर शामिल हैं

बठिंडा: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न बार्डरों पर पिछले 4 दिनों से चल रहे आंदोलन में जहां पंजाब के लाखों किसान-मजदूर शामिल हैं वहीं इस आंदोलन में पंजाब की महिलाएं भी बड़ी संख्या में शिरकत कर रही हैं। पंजाब से लगभग 10 हजार महिलाएं व नौजवान लड़कियां इस संघर्ष में शामिल हैं। उक्त महिलाएं न केवल किसानों के साथ मिलकर लंगर की सेवा संभाल रही हैं बल्कि उक्त ‘पंजाब की बेटियां’ आंदोलन में भी अगली कतार में रहकर कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं। 

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भाकियू एकता (उगराहां) के महिला विंग की नेता हरिंद्र कौर बिंदू की अगुवाई में बड़ी संख्या में महिलाएं दिल्ली के बार्डरों पर मोर्चे में शामिल हैं व दिन रात एक करके आंदोलन को आगे बढ़ा रही हैं।  इन महिलाओं में 20 साल की युवतियों से लेकर 80-80 साल उम्र तक की वृद्धाएं भी शामिल हैं जो अपने खेतों के वजूद को बचाने के लिए लगातार संघर्षरत हैं। उक्त महिलाएं पंजाब के लगभग 14 जिलों से संबंधित हैं जबकि बठिंडा , मानसा , बरनाला , संगरूर आदि जिलों की महिलाओं की संख्या काफी अधिक है। महिलाओं के जत्थे किसानों के हर मोर्चे के साथ कंधे से कंधा जोड़कर चल रहे हैं। ये महिलाएं किसान वॉलंटियरों के साथ मिलकर किसानों के लिए लंगर आदि का प्रबंध भी करती हैं। 

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