Edited By Kamini,Updated: 07 Jun, 2023 04:43 PM

दसूहा विधानसभा क्षेत्र के मंड क्षेत्र के कठाना जंगल से होकर गुजरने वाली ब्यास नदी के दोनों किनारों पर देसी शराब के भट्ठे सरेआम चल रहे हैं।
होशियारपुर : दसूहा विधानसभा क्षेत्र के मंड क्षेत्र के कठाना जंगल से होकर गुजरने वाली ब्यास नदी के दोनों किनारों पर देसी शराब के भट्ठे सरेआम चल रहे हैं। पुलिस और आबकारी विभाग कई बार कार्रवाई करने का दावा कर चुकी है, लेकिन सरेआम चल रही भट्टियां इस दावे पर सवाल उठा रही हैं। ऐसी ही अवैध देसी शराब पीने से 2020 में तरनतारन और अमृतसर में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। बता दे अवैध शराब बनाने का काम सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि बच्चे और महिलाएं भी करती हैं। इसके बाद प्लास्टिक की थैलियों में 20 से 70 रुपए प्रति लीटर की दर से शराब बेची जा रही है।
दसूहा के गांव बधाइया से लेकर टांडा तक करीब 30 किलोमीटर क्षेत्र में यह धंधा फैला हुआ है। जानकारों का कहना है कि शराब बनाने में यूरिया और बेसरमबेल की पत्तियों के अलावा ऑक्सीटोसिन वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्लास्टिक की थैलियों में बंद शराब 20 रुपए से 70 रुपए प्रति लीटर बिक रही है। गांव के सरपंच ने बताया कि आसपास शराब के तस्कर सक्रिय रहते हैं, इसी साथ गुरदासपुर का गांव मोजपुर बिक्री का मुख्य केंद्र बना हुआ है। आबकारी एवं टैकसेशन विभाग के ई.टी.ओ. शेखर का कहना है कि इस इलाके में छापेमारी करना मुश्किल है लेकिन फिर भी पुलिस की मदद से भट्टियां और अन्य सामान छापेमारी कर नष्ट कर दिया जाता है। वहीं डी.आई.जी. का कहना है कि अवैध देसी शराब बनाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
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