वन्य जीव विभाग की तरफ से ब्यास में छोड़े लुप्त हो रही प्रजाति के घड़ियाल

Edited By Tania pathak,Updated: 13 Feb, 2021 04:29 PM

gongs of endangered species left in beas by wildlife department

जंगली जीव विभाग की तरफ से पंजाब सरकार के घड़ियाल मुड़ वसेवे के वकारी प्रोजेक्ट तहत जंगली जीव विभाग की टीम ने ब्यास कंजर्वेशन रिजर्व में विलुप्त हो रही प्रजाति के घड़ियाल छोड़े है।

टांडा (वरिंद्र पंडित): जंगली जीव विभाग की तरफ से पंजाब सरकार के घड़ियाल मुड़ वसेवे के वकारी प्रोजेक्ट तहत जंगली जीव विभाग की टीम ने ब्यास कंजर्वेशन रिजर्व में विलुप्त हो रही प्रजाति के घड़ियाल छोड़े है। इस दौरान सलेमपुर टाहली जंगल के साथ लगते ब्यास दरिया कंजर्वेशन रिजर्व में चीफ वाईलड लाइफ वार्डन आर.के. मिश्रा, कन्ज़रवेटर ऑफ फारेस्ट मुनीश कुमार, फील्ड डायरेक्टर छतबीड़ चिड़ियाघर एम सुधाकर, वन मंडल अफसर जंगली जीव गुरशरण सिंह, कोर्डिनेटर डब्लू.डब्लू.एफ. गीतांजलि कंवर की मौजूदगी में 23 घड़ियालों को छोड़ा गया है। 

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इस बारे में जानकारी देते हुए वन मंडल अफसर गुरशरण सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से विलुप्त होती जा रही इस प्रजाति को बचाने के लिए बनाए गए इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य घड़ियालों की प्रजनन आबादी को स्थापित करना है। जिसके चलते प्रोजेक्ट के प्रथम फेज में 2017-2018 दौरान ब्यास कंजर्वेशन रिजर्व अमृतसर तथा तरनतारन में 47 घड़ियाल छोड़े गए थे तथा बाद में वन विभाग तथा वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर की तरफ से करवाए गए संयुक्त सर्वेक्षण से पता चला है कि वह घड़ियाल पूरे ब्यास दरिया में फैल गए है। आज प्रोजेक्ट के दूसरे फेज में टांडा के इस ब्यास कंज़र्वेशन रिज़र्व को चुना गया है जिसके टापू घड़ियाल के लिए उपयुक्त हैं। 

उन्होंने बताया कि आज 23 घड़ियाल छोड़े गए हैं। इसके साथ ही  डब्लू.डब्लू.एफ. तथा वन विभाग की एक देखरेख टीम का भी गठन किया गया है। जो अगले एक महीने तक इन घड़ियालों का सर्वेक्षण करेगी जिसके लिए एक निगरानी स्टेशन भी स्थापित किया गया है। इस मौके विभाग की समूह टीम मौजूद थी।

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