पंजाब में बाढ़ का संकट गहराया, इन गांवों में दहशत का माहौल

Edited By Kamini,Updated: 04 Aug, 2025 02:54 PM

flood crisis in punjab

देशभर में हो रही बारिश ने जहां कई इलाकों में तबाही मचाई है, वहीं पंजाब राज्य के कई जिलों में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव का खतरा पूरी तरह से बढ़ गया है।

तरनतारन : देशभर में हो रही बारिश ने जहां कई इलाकों में तबाही मचाई है, वहीं पंजाब राज्य के कई जिलों में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव का खतरा पूरी तरह से बढ़ गया है, जिसके चलते कई जिलों में प्रशासन ने लोगों से निचले इलाकों से ऊँचे इलाकों में जाने की अपील शुरू कर दी है। गौरतलब है कि ब्यास नदी के रास्ते आने वाले पानी का बहाव रोजाना बढ़ रहा है, जिसके अगले एक-दो दिनों में भारी मात्रा में आने की उम्मीद है, वहीं इस बढ़ते जलस्तर से तरनतारन जिले के विभिन्न गांवों में नदी किनारे मौजूद लोगों में काफी डर है क्योंकि वर्ष 2023 में इस क्षेत्र में बांध टूटने से आए पानी के दौरान कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे और लोगों को काफी नुकसान हुआ था।

बारिश के कारण ब्यास नदी में आने वाला जलस्तर प्रतिदिन बढ़ रहा है, जिसके चलते हरिके हेड पर मौजूद संबंधित विभाग के कर्मचारी इस बढ़ते जलस्तर की पूरी जानकारी समय-समय पर उच्च अधिकारियों तक पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है। इस समय हरिके हेड पर प्रतिदिन 30 से 35 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है, जिससे राजस्थान और फिरोजपुर फीडर को प्रतिदिन हजारों क्यूसेक पानी भेजा जा रहा है। आने वाले कुछ दिनों में जलस्तर और बढ़ने का पूरा अनुमान लगाया जा रहा है और बनी के इस बढ़ते जलस्तर के बाद स्थिति को देखते हुए पानी के गेट भी खोले जा सकते हैं।

तरनतारन जिले के अंतर्गत आने वाले कस्बों हरिके, पट्टी, खेमकरण से सटी इस नदी में बढ़ते जलस्तर को देखकर किनारे पर मौजूद लोग काफी चिंतित होने लगे हैं। वर्ष 2023 की बात करें तो घारूम गाँव के पास बांध टूटने से कई गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए थे और इस दौरान बड़ी संख्या में किसानों और अन्य लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ था। संत बाबा सुखा सिंह जी सरहाली साहिब वाले और बाबा अवतार सिंह जी बिधि चंद वाले की मेहनत की बदौलत यह बांध काफी मेहनत और मुश्किलों के बाद बनकर तैयार हुआ था। उस समय कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों की मदद की थी।

ब्यास नदी के किनारे बसे गांवों घड़का, चंबा, मुंडा पिंड, धुंदा, घाड़ूम, कुट्टी वाला, सभरा, तूत, भंगाला, कोट बुड्ढा, किड़ियां, गट्टा बादशाह आदि गांवों में रहने वाले लोग दहशत में हैं क्योंकि लगातार हो रही बारिश के कारण जलस्तर बढ़ रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए विभाग के एसडीओ नवनीत गुप्ता ने बताया कि इस समय हरिके हेड पर रोजाना 35 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है, जो कम हो रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थान फीडर को प्रतिदिन 13700 क्यूसेक और फिरोजपुर फीडर को 12000 क्यूसेक पानी की आपूर्ति की जा रही है। वहीं, 1280 क्यूसेक पानी डाउनस्ट्रीम में है।

उन्होंने बताया कि विभाग ने पानी के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं, जो सीधे चंडीगढ़ मुख्यालय से जुड़े हैं और 24 घंटे इस पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल कोई खतरनाक स्थिति नहीं है, लेकिन विभाग 24 घंटे इस पर नजर रखे हुए है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिले के उपायुक्त राहुल ने बताया कि बरसात के मौसम में जहां विभाग ने जलस्तर पर पूरी नजर रखने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं, वहीं नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को भी इस बारे में जागरूक किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से सभी प्रकार के प्रबंध किए गए हैं।

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