जल्द ही बंद होने जा रही है फिरोजपुर-दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस, ये हैं मुख्य कारण

Edited By Mohit,Updated: 04 Jul, 2019 02:59 PM

firozpur delhi shatabdi express train

बसों के महंगे सफर के सताए 90 प्रतिशत लोग जो नई रेल चलाने के लिए संघर्ष समिति आगे अपीलें करते आ रहे है, को जल्द ही बड़ा धक्का लगने जा रहा है।

बाघापुराना (चुटानी): बसों के महंगे सफर के सताए 90 प्रतिशत लोग जो नई रेल चलाने के लिए संघर्ष समिति आगे अपीलें करते आ रहे है, को जल्द ही बड़ा धक्का लगने जा रहा है। अति भरोसे योग्य सूत्रों से पता चला है कि फिरोजपुर से दिल्ली तक जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस नजदीकी भविष्य में ही बंद होने जा रही है। इस गाड़ी को बंद करने का रेलवे विभाग का यही तर्क है कि इस गाड़ी को जरूरत अनुसार सवारी नहीं मिल रही। लेकिन रेलवे विभाग ने सवारी न मिलने के कारण इसकी ओर कोई गंभीरता नहीं दिखाई, बल्कि गाड़ी को बंद करने के फैसले की तैयारी कर दी है। 

जानें क्या है कारण
रेल यात्रियों की समस्याओं प्रति चिंतित एवं प्रमुख समाज सेवी कुलदीप मानूके, आर.के.कंबोज, जसवंत सिंह जससी, विकास सेत्तियां, कुक्कू कंबोज आदि ने बताया कि फिरोजपुर से दिल्ली जाने वाली गाड़ियों का समय सुबह चार से पौने पांच बजे तक का है तथा इस पौने घंटे में दिल्ली के लिए तीन गाड़ियां रवाना हो जाती है। जबकि मुंह अंधेरे वाले इस पौने घंटे दौरान इस लाइन के नजदीकी कस्बा तलवंडी भाई, बाघापुराना, मुदकी, सादिक, बरगाड़ी, श्रीमुक्तसर साहिब, समालसर आदि से सवारियों का कोटकपूरा स्टेशन तक पहुंचना बेहद कठिन है। उक्त चिंतकों ने रेलवे संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र राठौर एवं समूची टीम को अपील की है कि वह रेलवे विभाग व संबंधित अधिकारियों तक पहुंच करके शताब्दी एक्सप्रेस के फिरोजपुर से चलने के समय को तबदील करवाकर इसकी रवानगी का समय सुबह छह बजे करवाए। उक्त सभी ने दावे से कहा कि समय में इस तर्कहीन तबदीली से इस गाड़ी का खचाखच भरा जाना यकीनी होगा।

12 कस्बों के यात्री होंगे प्रभावित
कोटकपूरा से रेल में सफर करने वाले इस स्टेशन से संबंधित छह कस्बों व छह बड़े गांव ऐसे है जिनसे रोजाना 100 के करीब यात्री दिल्ली, रोहतक, जींद, जाखल के लिए जाते है। लेकिन वह सारे के सारे इस बात से निराश है कि सुबह समय उनके कस्बों व गांवों में कोई बस या कोई और सेवा नहीं है, जो कोटकपूरा के रेलवे स्टेशन से चलने वाली गाड़ियों के समय से मेल खाती हो, अगर फिरोजपुर से दिल्ली जाने वाली शताब्दी व अन्य आम गाड़ियों के चलने के समय को ही एक घंटा पीछे कर दिया जाए तो सारी ट्रेनों का लाभ ही जरूरतमंद यात्री ले सकते है। रेलवे विभाग को चाहिए कि बिना देरी ट्रेनों की समय सारिणी में तबदील करें, जिससे रेलवे विभाग व यात्री दोनों ही संतुष्ट हो सकें।

रेल यात्रियों की समस्याओं के नजदीक महसूस करने वाले समाज सेवी कुलदीप सिंह मानूके का कहना है कि रेलवे विभाग नई गाड़ियां चलाने समय यात्रियों का पक्ष लेना जरूरी नहीं समझती। जल्दबादी में लिए जाने वाले फैसले तथा समय सारिणी की रूपरेखा न तो रेलवे के खजाने के लिए लाभदायक बनती है और न ही यात्रियों के लिए कोई सुविधा प्रदान करती है। फिरोजपुर-दिल्ली शताब्दी भी ऐसी बेतर्क योजनाओं के चलते ही दोनों पक्षों के लिए घाटेमंद साबित हो सकती है।

लोग नई लाइनें व गाड़ियों के लिए कर रहे हैं अपील
रेल लाइन की बिछाई के लिए संघर्ष करने वाले कुक्कू कंबोज बाघापुराना ने कहा कि मालवा के जिला मोगा से संबंधित कई गांवों, कस्बों के लोग नई लाइनें व गाड़ियों के लिए अपीलें करते आ रहे है, लेकिन अब कोटकपूरा से चलने वाली शताब्दी के बंद होने की खबरों ने तो ऐसे यात्रियों को अंदर तक निराश कर डालती है। रेलवे विभाग इस गाड़ी के समय में तबदीली करें, ताकि इसको बंद करने की नोबत ही न आए।

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