किसान आंदोलन: किसानों की हर दिन तादाद बढ़ने से मिनी पंजाब बना टिकरी बॉर्डर, स्थिति तनावपूर्ण

Edited By Tania pathak,Updated: 04 Dec, 2020 11:01 AM

farmer movement tikri border becomes a mini punjab

रोजाना बढ़ रही किसानों की तादाद के कारण वह मिनी पंजाब बनता दिख रहा है। इतने लोगों की भीड़ के कारण हालत तो ये है कि वहां कई किलोमीटर लंबी वाहनों की कतारें लग गई है...

पंजाब: केंद्र द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का गुस्सा तेजी से आक्रमक हो रहा है। पिछले लगभग तीन महीनों से किसानों द्वारा जारी प्रदर्शन दिल्ली में अब केंद्र सरकार के खिलाफ उबल रहा है। इस आंदोलन के कारण पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत कई राज्यों की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इसी प्रदर्शन के चलते अलग अलग राज्यों से लाखों की संख्या में किसान जत्थेबंदियों का जमावड़ा लगा हुआ हैं। 

इसमें सबसे अधिक हलचल हरियाणा के टिकरी बॉर्डर में हो रही है। रोजाना बढ़ रही किसानों की तादाद के कारण वह मिनी पंजाब बनता दिख रहा है। इतने लोगों की भीड़ के कारण हालत तो ये है कि वहां कई किलोमीटर लंबी वाहनों की कतारें लग गई है। हर तरफ लोगों में केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश नजर आ रहा है। हरियाणा की सांगवान खाप 40 भी किसानों के हक़ में आ गई है। खेती कानूनों के विरोध में महिलाऐं और बच्चे भी साथ देते दिखाई दे रहे है।   

क्या है आंदोलन की मुख्य वजह?
आंदोलन की सबसे बड़ी वजह केंद्र द्वारा लागू किए गए कृषि के तीन कानून हैं। किसानों के मुताबिक इन कानूनों के कारण खेती के निजीकरण, जमाखोरों और अंबानी-अडानी जैसे कॉर्पोरेट कंपनियों को ही फायदा पहुंचेगा। इसी कारण वह केंद्र सरकार पर इन कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। 

- किसानों की दूसरी बड़ी मांग बिजली बिल संशोधन को समाप्त करना है। इस बिल के अंतर्गत किसानों को कृषि के लिए मुफ्त बिजली दी जाती थी, इसीलिए उनकी मांग है कि इसमें हुए संशोधन को वापिस लेकर इस कानून को खत्म किया जाए।
- इसके बाद किसानों की अगली मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर लिखित आश्वासन को लेकर है। उनका कहना है बिल के तौर पर एक लिखित आश्वासन मिलना चाहिए कि भविष्य में पारंपरिक खाद्य अनाज खरीद प्रणाली जारी रहेगी।
- किसानों की एक और मांग खेतों में पराली जलाने पर सजा और जुर्माने को खत्म करने की है। इसी के साथ इस आरोप में गिरफ्तार हुए दूसरे किसानों को रिहा करने पर भी जोर दिया जा रहा है। 
- पंजाब में गन्ने की फसल के भुगतान के कारण पहले ही सरकार कई बार आलोचना का शिकार हो चुकी है। ऐसे में किसानों द्वारा गन्ने की फसल के भुगतान संबंधी सभी मुद्दों को हल करने की मांग भी रखी गई है।  

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