Driving Licence बनवाने से पहले पढ़ लें खबर, रोजाना परेशान हो रहे सैंकड़ों आवेदक

Edited By Kalash,Updated: 16 Dec, 2025 01:03 PM

driving licence trouble

रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आर.टी.ओ.) जालंधर के अधीन आते ऑटोमेटेड ड्राइविंग टैस्ट सैंटर में स्टाफ की भारी कमी के चलते आम जनता को रोजाना गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जालंधर (चोपड़ा): रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आर.टी.ओ.) जालंधर के अधीन आते ऑटोमेटेड ड्राइविंग टैस्ट सैंटर में स्टाफ की भारी कमी के चलते आम जनता को रोजाना गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लाइसैंस बनवाने, ड्राइविंग टैस्ट देने और अन्य संबंधित कार्यों के लिए रोजाना सैंकड़ों आवेदक यहां पहुंचते हैं, लेकिन सीमित स्टाफ और बार-बार आने वाली तकनीकी दिक्कतों के कारण लोगों का कीमती समय बर्बाद हो रहा है।

स्थिति यह है कि रोजाना करीब 300 से 400 आवेदकों की भीड़ सैंटर में जमा रहती है, जबकि पूरी व्यवस्था मात्र 3 से 4 कर्मचारियों के सहारे चल रही है। इतने कम स्टाफ के जिम्मे लाइसैंस बनाने, ड्राइविंग टैस्ट की प्रक्रिया, दस्तावेजों की जांच और अन्य प्रशासनिक कार्यों को संभालना होता है। नतीजतन, आवेदकों को घंटों लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है। ड्राइविंग लाइसैंस प्रक्रिया को सुगम और समयबद्ध बनाने के उद्देश्य से ऑनलाइन अप्वाइंटमैंट सिस्टम लागू किया गया है लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।

कभी सर्वर तो कभी स्टाफ की छुट्टी बनी बाधा

सैंटर में आए दिन कभी सर्वर बंद होने तो कभी स्टाफ के अवकाश पर होने के कारण कामकाज प्रभावित रहता है। आज भी स्थिति उस समय और बिगड़ गई जब एक महिला स्टाफ कर्मचारी अवकाश पर चली गई। पहले से ही कम स्टाफ होने के कारण एक कर्मचारी की गैरहाजिरी से पूरी व्यवस्था चरमरा गई। इस दौरान ए.आर.टी.ओ. कमलेश कुमारी ने स्वयं मोर्चा संभालने का प्रयास किया और कामकाज को सुचारू रखने की कोशिश की, लेकिन स्टाफ की संख्या सीमित होने के कारण हालात पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका। परिणामस्वरूप, लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार ने ए.आर.टी.ओ. कमलेश कुमारी को नवांशहर का 3 दिनों का अतिरिक्त चार्ज भी सौंपा हुआ है। इसके चलते वह सप्ताह में केवल 2 दिन ही जालंधर में अपनी ड्यूटी दे पाती हैं। ऐसे में जालंधर जैसे बड़े शहर के ऑटोमेटेड ड्राइविंग टैस्ट सैंटर की व्यवस्थाओं पर इसका सीधा असर पड़ रहा है।

जनता बोली, सरकार के दावे जमीनी हकीकत से दूर

स्टाफ की कमी से परेशान लोगों का कहना है कि सरकार भले ही डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस के बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बद से बदतर हैं। एक बुजुर्ग आवेदक मोहिंद्र सिंह ने बताया कि वह सुबह 10 बजे सैंटर पहुंचा था और दोपहर तक कतार में खड़े रहने के बावजूद उसका काम नहीं हो सका। वहीं, एक युवा आवेदक रोहन कपूर ने कहा कि विगत दिनों उसने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमैंट लिया था, लेकिन सर्वर डाऊन होने की वजह से उसे वापस भेज दिया गया। आज ऑनलाइन अपॉइंटमेंट रीशेडयूल करवा कर दोबारा आया तो भारी भीड़ के कारण लंबा इंतजार करने को मजबूर होना पड़ा।

सरकार जनता का दर्द समझे, तुरंत बढ़ाए स्टाफ : जगजीत सिंह लक्की

पंजाब प्रदेश कांग्रेस व्यापार सेल के चेयरमैन जगजीत सिंह लक्की ने कहा कि आम आदमी की सरकार होने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार आम जन के दर्द को भी समझे। जगजीत सिंह लक्की ने मांग की है कि ऑटोमेटेड ड्राइविंग टैस्ट सैंटर में तत्काल अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की जाए। इसके साथ ही तकनीकी संसाधनों को मजबूत किया जाए ताकि सर्वर स्लो या बंद होने की समस्या से निजात मिल सके। जगजीत लक्की ने कहा कि यदि समय रहते सरकार और विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।

आर.टी.ओ अमनपाल सिंह ने कहा कि जालंधर के ऑटोमेटेड ड्राइविंग टैस्ट सैंटर और आर.टी.ओ. के मुख्य कार्यालय में स्टाफ की कमी की समस्या को लेकर विभाग गंभीर है। इस संबंध में विभाग की ओर से स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत करवा दिया गया है। जल्द ही आवश्यक स्टाफ की तैनाती की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

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