अकाली-भाजपा सदस्यों के विरोध के बावजूद SGPC चुनाव प्रस्ताव पारित

Edited By Vaneet,Updated: 14 Feb, 2019 10:54 PM

despite opposition from sad bjp sgpc election proposal pass

पंजाब विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा। विधायक एच.एस. फूलका द्वारा एस.जी.पी.सी. के चुनाव संबंधी रखे गए प्रस्ताव ...

चंडीगढ़(रमनजीत): पंजाब विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा। विधायक एच.एस. फूलका द्वारा एस.जी.पी.सी. के चुनाव संबंधी रखे गए प्रस्ताव को सदन ने पास कर दिया है। इस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने फूलका के प्रस्ताव पर सहमति जताई, जिसके बाद इसे पारित कर दिया गया। वहीं इस बात से गुस्साए अकाली दल के विधायकों ने फूलका की मौजूदगी में सदन में हंगामा शुरू कर दिया। 

प्रस्ताव के पास होने पर अकाली-भाजपा के विधायक भड़क गए। सदन से बाहर आकर अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा कि विधानसभा को शिरोमणि कमेटी चुनाव के बारे में प्रस्ताव पास करने का कोई हक नहीं है। अकालियों के इस व्यवहार को विरोधी पक्ष के नेता हरपाल चीमा ने मगरमच्छ के आंसू करार दिया। उन्होंने कहा कि अकाली इसलिए विरोध कर रहे हैं ताकि एस.जी.पी.सी. पर उनका दबदबा बरकरार रहे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि गुरुद्वारों पर नियंत्रण करने वाली उच्चतम संस्था के ठीक समय पर चुनाव होना लोगों का अधिकार है।

सदन से बाहर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एस.जी.पी.सी. चुनाव में देरी गलत है और पंजाब के लोगों के साथ पक्षपात है। इससे पहले सदन में शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक एच.एस. फूलका द्वारा यह मुद्दा उठाने पर कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने जवाब में कहा कि एस.जी.पी.सी. चुनाव में वोट करना हरेक  सिख  का लोकतांत्रिक अधिकार है और केंद्र सरकार द्वारा इससे इंकार नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने सदन को भरोसा दिलवाया कि 2016 से लंबित पड़े एस.जी.पी.सी. चुनाव को जल्द करवाने के लिए दबाव बनाने को वह केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे। 

आम आदमी पार्टी के विधायक एच.एस. फूलका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकृत करने के लिए स्पीकर की तरफ से आज्ञा देने की मांग करते हुए कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि गुरुद्वारा एक्ट राष्ट्रीय कानून है और इसका समय पर चुनाव करवाना केंद्र सरकार की ड्यूटी है। शिअद और भाजपा के विरोध के दौरान स्पीकर ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग का प्रस्ताव किया, जिसके नतीजे के तौर पर सदन ने यह मुद्दा तुरंत केंद्र सरकार के समक्ष उठाने के लिए कैप्टन अमरेंद्र सिंह को अधिकृत कर दिया। इस प्रस्ताव को वोट के लिए रखे जाने पर सत्ताधारी पार्टी और आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने डैस्क थपथपा कर इसका स्वागत किया। बाद में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि इस मुद्दे पर सदन में बहुमत था क्योंकि ये चुनाव 3 साल से लंबित हैं। सिर्फ अकाली और भाजपा इसके हक में नहीं थे। इस्तीफा देने वाले आम आदमी पार्टी के कुछ मैंबरों के लगातार सदन का मैंबर बने रहने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उतनी देर लगातार मैंबर बने रहेंगे, जितनी देर उनके इस्तीफे स्वीकृत नहीं होते। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं भी 1984 में पाॢलयामैंट से इस्तीफा दे दिया था और वह इस्तीफा स्वीकृत किए जाने तक 2 महीने लगातार मैंबर बने रहे। 

अकाली विधायक शर्मा ने उठाया फूलका की विधायकी पर सवाल
उधर, इससे पहले फूलका द्वारा पेश प्रस्ताव पर अकाली दल के विधायक एन.के. शर्मा ने स्पीकर से मांग की कि फूलका के बारे में स्थिति साफ की जाए कि वह विधायक हैं या नहीं। उन्होंने आम आदमी पार्टी को कांग्रेस की बी टीम भी करार दिया। अकाली दल के हल्ले के बाद कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू फूलका के बचाव में उतरे। उन्होंने कहा कि सिखों के लिए जो फूलका ने किया है, उसे रहती दुनिया तक याद किया जाएगा। 

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