Edited By Urmila,Updated: 08 Apr, 2025 10:26 AM

शहर में हजारों दुकानदार बिल्डिंग मैटीरियल जैसे रेत, बजरी, ईंट और मिट्टी इत्यादि का कारोबार करते हैं।
जालंधर (खुराना): शहर में हजारों दुकानदार बिल्डिंग मैटीरियल जैसे रेत, बजरी, ईंट और मिट्टी इत्यादि का कारोबार करते हैं। ये दुकानें घर, दुकान और फैक्टरी बनाने वाले लोगों की समय-समय पर जरूरत को पूरा करती हैं। लेकिन इस कारोबार के साथ एक बड़ी समस्या भी जुड़ी है। इन दुकानदारों और कारोबारियों के पास सामान इधर-उधर ले जाने के लिए अक्सर ट्रैक्टर-ट्रॉलियां होती हैं, मगर इन ट्रैक्टरों का न कहीं रजिस्ट्रेशन होता है और न ही इन्हें चलाने वालों के पास ड्राइविंग लाइसैंस होता है। ज्यादातर वाहन खस्ताहाल अवस्था में होते हैं।
ज्यादातर इन ट्रैक्टरों को चलाने वाले प्रवासी मजदूर या अनुभवहीन लोग होते हैं, जिनके पास लाइसैंस तक नहीं होता। इस वजह से पिछले समय में कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं और छोटे-मोटे एक्सीडैंट तो आए दिन होते ही रहते हैं। हैरानी की बात यह है कि न तो ट्रैफिक पुलिस और न ही स्थानीय प्रशासन ने इस समस्या पर कभी ध्यान दिया। इन अनियंत्रित ट्रैक्टरों की वजह से सड़कों पर खतरा बढ़ता जा रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नजर नहीं आती।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये ट्रैक्टर बिना किसी परमिट के सड़कों पर दौड़ते हैं और इनके कारण ट्रैफिक व्यवस्था भी प्रभावित होती है। कई बार ये भारी वाहन दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, जिससे आम लोगों को जान और माल का नुकसान उठाना पड़ता है। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा।
नागरिकों ने मांग की है कि इस समस्या को गंभीरता से लिया जाए। ट्रैक्टरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाए, ड्राइवरों के लाइसैंस की जांच हो और अवैध रूप से चल रहे इस कारोबार पर लगाम कसी जाए। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो शहर की सड़कों पर बड़े हादसे होने से कोई नहीं रोक सकता। यह स्थिति न केवल ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को दर्शाती है, बल्कि प्रशासन की उदासीनता पर भी सवाल उठाती है। अब देखना यह है कि क्या जिम्मेदार विभाग इस खतरे को कम करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here