बड़े संकट में Jalandhar के दुकानदार, इस मुद्दे से फिर बढ़ी हलचल

Edited By Vatika,Updated: 07 Apr, 2025 03:09 PM

jalandhar shopekeeper in panic

टांडा रोड रेलवे अंडरब्रिज का मामला फिर सुर्खियों में, चाहे गंभीर नहीं दिख रही सरकार पर दुकानदारों में पनप रहा रोष

जालंधर (खुराना): टांडा रोड पर प्रस्तावित रेलवे अंडरब्रिज का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। हाल ही में आरटीआई के जवाब में खुलासा हुआ कि इस क्रॉसिंग पर लिमिटेड हाइट वाला सब-वे बनाने का प्रस्ताव है, लेकिन रेलवे के फिरोजपुर सब-डिवीजन के पास इसका साइट प्लान उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि नार्थ क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक बावा हैनरी ने हाल ही में विधानसभा के सैशन दौरान टांडा रोड अंडरब्रिज का मामला उठाया था जिसके बाद 110 साल पुरानी लोहा मार्केट के दुकानदारों के बीच फिर से हलचल मचा दी है। दुकानदारों में खुसर-पुसर शुरू हो गई है कि यह प्रोजेक्ट उनके कारोबार को तबाह कर देगा। दूसरी ओर माना जा रहा है कि पंजाब की आप सरकार फिलहाल इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है और न ही इस मामले पर अभी कोई ठोस प्रगति हुई है पर विधानसभा सदन में यह मामला दोबारा उठने से इसे फिर तूल मिला है।

प्रोजैक्ट को मिल चुकी है मंजूरी, लेकिन विरोध जारी
नॉर्थ क्षेत्र के विधायक बावा हैनरी के प्रयासों से टांडा रोड फाटक पर रेलवे अंडरब्रिज के लिए पंजाब सरकार और रेलवे से मंजूरी मिल चुकी है। जालंधर नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर करनेश शर्मा ने इसकी पुष्टि की थी। तब इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 13 करोड़ रुपए बताई गई थी, जिसमें आधा खर्च रेलवे और आधा पंजाब इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवैल्पमैंट बोर्ड (पी.आई.डी.बी.) वहन करेगा। निर्माण कार्य पीडब्ल्यूडी और रेलवे मिलकर करेंगे।

बार-बार बढ़ जाती है दुकानदारों की चिंता, कारोबार पर संकट का डर
लोहा मार्कीट के दुकानदारों का कहना है कि वे पिछले 110 साल से यहां कारोबार कर रहे हैं, लेकिन अंडरब्रिज बनने से उनकी आजीविका खतरे में पड़ जाएगी। उनका तर्क है कि अंडरब्रिज के बाद ज्यादातर दुकानें कम चौड़ी सर्विस लेन पर आ जाएंगी, जहां कमर्शियल वाहनों की आवाजाही मुश्किल होगी। दुकानदारों का कहना है कि दुकानों पर बड़े वाहन आते-जाते हैं, लेकिन सर्विस लेन की कम चौड़ाई के कारण लोडिंग-अनलोडिंग में भारी परेशानी होगी। इससे सारा कारोबार ही चौपट हो जाएगा।

विधायक और दुकानदारों के बीच बैठकें तक हुई
विधायक बावा हैनरी ने इस प्रोजैक्ट के लिए खासा जोर लगाया और फिरोजपुर तक जाकर रेलवे से मंजूरी दिलाई और दुकानदारों के साथ कई बैठकें भी कीं। इन बैठकों में दुकानदारों ने प्रोजैक्ट का विरोध किया था। दूसरी ओर, सरकारी अधिकारी और कांग्रेसी विधायक मानते हैं कि रेलवे फाटक पर लगातार ट्रेनों की आवाजाही से रोजाना हजारों लोग परेशान होते हैं। उनका कहना है कि अंडरब्रिज बनने से ट्रैफिक व्यवस्था को राहत मिलेगी।

चंदन नगर जैसा बाक्स सिस्टम वाला होगा अंडरब्रिज
प्रोजैक्ट के अनुसार टांडा रोड पर प्रस्तावित अंडरब्रिज की लंबाई 380 मीटर होगी, जिसमें रेल लाइन के दोनों ओर 200-200 मीटर की ढलान होगी। माई हीरां गेट से फाटक की ओर जाते हुए विक्रमपुरा गली के पास से ढलान शुरू होगी, जिससे दर्जनों दुकानें सर्विस लेन पर शिफ्ट हो जाएंगी। दूसरी ओर, फाटक पार सुभाष धर्म कांडा तक ढलान जाएगी, जिससे वहां की दुकानें भी प्रभावित होंगी। दुकानदारों को डर है कि इससे उनकी संपत्तियां बेकार हो जाएंगी। टांडा रोड का अंडरब्रिज बॉक्स सिस्टम पर आधारित होगा, जैसा कि अकाली-भाजपा सरकार में चंदननगर अंडरब्रिज बनाया गया था। रेलवे लाइन के नीचे बड़े बक्से रखे जाएंगे और ढलानों पर पक्की शेड बनाई जाएगी ताकि बारिश का पानी अंदर न आए। साथ ही, रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट भी लगाया जाएगा।

सीवरेज और बिजली व्यवस्था पर भी असर
अंडरब्रिज के निर्माण के लिए क्षेत्र की सीवरेज लाइनें और बिजली के पोल शिफ्ट करने होंगे। निगम ने सीवरेज के लिए 50 लाख और नई सड़कों के लिए 70 लाख रुपये का एस्टीमेट तैयार कर रखा है। बिजली विभाग कभी भी तारें और पोल शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। फिलहाल टांडा रोड अंडरब्रिज का मामला डिवैल्पमैंट और कारोबार के बीच टकराव का प्रतीक बन गया है। जहां एक पक्ष इसे ट्रैफिक समाधान मान रहा है, वहीं दुकानदार इसे अपनी आजीविका पर हमला बता रहे हैं। आने वाले दिनों में यह विवाद फिर गहरा सकता है।

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