DRI  का इंस्पेक्टर साथियों सहित गिरफ्तार, हैरान कर देगा पूरा मामला

Edited By Kamini,Updated: 12 Apr, 2025 02:19 PM

dri inspector arrested along with his colleagues

केन्द्रीय एजैंसियां अब चिंता में पड़ गई हैं और यह जांच करने में जुट गई हैं कि आखिरकार एक ऐसी एजैंसी, जिसका नाम प्रतिबंधित वस्तुओं को पकड़ने के मामले में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता था उसका ही अधिकारी पकड़ा गया है।

अमृतसर : एकतरफ जहां डायेरैक्टोरेट रैवेन्यू इंटेलीजैंस (DRI)  के इंस्पेक्टर मनजीत सिंह (हरियाणा) व उसके साथियों की हेरोइन सहित गिरफ्तारी किया जाना पंजाब पुलिस के स्पैशल सैल के लिए एक बड़ी सफलता है। वहीं यह मामला सामने आने के बाद केन्द्रीय एजैंसियां अब चिंता में पड़ गई हैं और यह जांच करने में जुट गई हैं कि आखिरकार एक ऐसी एजैंसी, जिसका नाम हेरोइन, हथियारों, सोने की तस्करी, जानवरों के अंगों की तस्करी व अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं को पकड़ने के मामले में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता था उसका ही अधिकारी हेरोइन तस्करी करते हुए पकड़ा गया है।

जानकारी के अनुसार वैसे तो BSF, पंजाब पुलिस, कस्टम जैसे विभागों के अधिकारी व कर्मचारी हेरोइन तस्करी करते हुए पकड़े जाते रहे हैं, लेकिन DRI के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब विभाग का ही एक इंस्पेक्टर हैरोइन तस्करी में संलिप्त पाया गया है, जबकि DRI विभाग में केन्द्रीय एजैंसियों के काबिल, इमानदार व तजुर्बेकार अधिकारियों की तैनाती की जाती है, ताकि देश की सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ ना हो सके।

हाल ही में अमृतसर तैनात हुआ था मनजीत सिंह

DRI के इंस्पेक्टर मनजीत सिंह की बात करें तो पता चलता है कि 24 वर्षीय मनजीत सिंह हाल ही में अमृतसर के DRI दफ्तर में तैनात हुआ था, वह कैसे हेरोइन तस्करों के जाल में फंस गया यह भी जांच का विषय है, लेकिन पुलिस की तरफ से की गई जांच में बताया गया है कि मनजीत सिंह अपने साथी रवि कुमार (फिरोजपुर) के साथ मिलकर हेरोइन की खेप को बुलेट मोटरसाइकल पर ठिकाने लगाने का काम कर रहे थे। मनजीत सिंह इंस्पैक्टर अपने पद का दुरुपयोग कर रहा था तो वहीं रवि सीधे तौर पर विदेशी तस्करों के संपर्क में था।

15 वर्ष पहले DRI ने पकड़ी थी 102 किलो हेरोइन की खेप

DRI की बात करें तो हेरोइन तस्करी रोकने के मामले में DRI का अच्छा नाम रहा है। आज से 15 वर्ष पहले DRI ने ही उस समय की हेरोइन की सबसे बड़ी खेप 102 किलो को जब्त किया था। उस समय DRI का नैटवर्क इतना मजबूत था कि अन्य राज्य सरकार व केन्द्र सरकार की एजैंसियां वैसे केस नहीं बना पाती थी, जैसे DRI बनाती थी, एक बार तो BSF के खाली बंकर में तस्करों की तरफ से छिपाई गई हैरोइन की एक बड़ी खेप को DRI ने पकड़ा था, जो उस समय का एक अजीब केस था।

कई वर्षों से नहीं किया ड्रग्स का सीजर

पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में जहां पूर्व वर्षों में DRI बड़े ड्रग्स सीजर बनाती रही है, वहीं कई वर्षों से DRI ने ड्रग्स सीजर का कोई खास केस नहीं बनाया है, जो कई सवाल खड़े कर रहा है। जिस प्रकार से खुद DRI का इंस्पेक्टर ही हैरोइन तस्करों के साथ मिला हुआ था, उसको देखकर तो यही लगता है कि ऐसे अधिकारियों को ड्रग्स सीजर बनाने की क्यों जरुरत है, जब खुद ही तस्करी कर रहे हैं।

अन्य अधिकारियों से भी हो सकती है पूछताछ

इंस्पेक्टर मनजीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद DRI अमृतसर दफ्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों से भी पूछताछ संभव हो सकती है, क्योंकि मनजीत सिंह के ऊपर उसके कई सीनियर अधिकारी भी दफ्तर में काम करते थे। आखिरकार उनको मनजीत सिंह की गतिविधियों पर शक क्यों नहीं हुआ यह भी एक सवाल है।

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