Edited By Vatika,Updated: 12 Apr, 2025 10:17 AM

कई बुज़ुर्ग, महिलाएं और उनके साथ आए छोटे बच्चे घंटों इंतजार करते रहे, वहीं कुछ थक कर कुर्सियों पर ही सो गए।
जालंधर(चोपड़ा): जिला प्रशासनिक कॉम्प्लेक्स में स्थित सब-रजिस्ट्रार-2 कार्यालय में आज सुबह से ही भारी अफरा-तफरी का माहौल रहा। रजिस्ट्री और अन्य प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेजों की मंजूरी के लिए आए लोगों को जहां एक ओर घंटों लंबा इंतजार करना पड़ा, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक फेरबदल और तकनीकी अड़चनों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दीं। कई बुज़ुर्ग, महिलाएं और उनके साथ आए छोटे बच्चे घंटों इंतजार करते रहे, वहीं कुछ थक कर कुर्सियों पर ही सो गए।
विगत रात्रि डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल द्वारा जारी आदेश आम जनता के लिए मुसीबत बन गया, जिसमें डिप्टी कमिश्नर ने जिला में तैनात नायब तहसीलदारों को रजिस्ट्रेशन का अधिकार सौंपा। इसी आदेश के तहत कानूनगो कम सब-रजिस्ट्रार-1 अनविंदर सिंह का तबादला कर कानूनगो सदर को सब-रजिस्ट्रार-2 की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। हालांकि, नए सब-रजिस्ट्रार ने आज कार्यालय में आकर चार्ज तो संभाल लिया, परंतु विभागीय आईडी न बनने के कारण वह किसी भी दस्तावेज़ की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सके। इससे रजिस्ट्रेशन से संबंधित पूरा सिस्टम ठप पड़ गया। उल्लेखनीय है कि आईडी जनरेट करने की प्रक्रिया चंडीगढ़ से पूरी की जाती है, लेटलतीफी की वजह से दोपहर करीब 3 बजे नए सब-रजिस्ट्रार की आई.डी. जनरेट हुई, जिसके बाद ही कार्यालय में फंसे हुए रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया जा सका। देर शाम तक कार्यालय में 123 ऑनलाइन अप्वाइंटमैंट में से 111 दस्तावेजों को अप्रूवल दी गई। हालांकि कुछ लोग बिना रजिस्ट्री कराए ही लौट गए।
वेटिंग हाल में दिखे घंटों इंतजार करते आवेदकों के हताश चेहरे
सुबह 9 बजे से ही अनेकों लोग सब-रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंच गए परंतु लोगों को करीब 6 घंटे तक काम शुरू होने का इंतजार करने को मजबूर होना पड़ा। एक महिला ने बताया, “मैं अपने बच्चों के साथ सुबह 10 बजे से आई हूं। परंतु काम कितने बजे शुरू होगा इस बारे में न कोई जानकारी मिल रही है और न कोई गाइडैंस। बस इंतजार कर रहे हैं कि कब आई.डी. बनेगी और रजिस्ट्रेशन का काम चालू होगा।
सब-रजिस्ट्रार के खाली कार्यालय में चलते रहे ए.सी.-पंखे और लाइटें, होती रही फिजूलखर्ची
सब रजिस्ट्रार-2 कार्यालय के भीतर एक और हैरान करने वाली बात देखने को मिली। एक तरफ सारा सरकारी कामकाज तकनीकी समस्या के चलते रुका हुआ था, लेकिन कार्यालय में लगे ए.सी., पंखे और बिजली के अन्य उपकरण पूरी क्षमता से चलते रहे। जबकि कार्यालय के भीतर एक भी कर्मचारी या आवेदक बैठा नहीं हुआ था। फिर घंटों तक सरकारी बिजली की फिजूलखर्ची जारी रही। एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “ऊपर से आदेश आए हैं कि नए सब रजिस्ट्रार साहिब आ रहे है, गर्मी बहुत है इसलिए उनके आने से पहले आफिस को पूरी तरह से ठंडा करके रखा जाए।
बच्चों के साथ आई महिलाएं बेहाल, लोग थक कर कुर्सियों पर ही सो गए
सब रजिस्ट्रार के कमरे के समक्ष वेटिंग एरिया में कुछ महिलाएं अपने छोटे बच्चों को संभालते हुए बेहद परेशान दिखीं। गर्मी और भीड़ के बीच बच्चे रोते रहे। एक महिला ने बताया, “मेरे बच्चे को बुखार है, फिर भी मुझे दस्तावेज की रजिस्ट्री करवानी थी। इतनी भीड़ और गर्मी में घंटों बैठना पड़ा।एक बुजुर्ग महिला आवेदक व्हील चेयर पर बैठक इंतजार कर रही थी, जिसकी आंखें नींद से बोझिल थीं। वह बोली यहां आने के बाद भी कुछ पता नहीं कि आज काम होगा या नहीं।