कोरोना के चलते अमावस्या में भी श्री हरिमंदिर साहिब में कम रही संगत

Edited By Vatika,Updated: 25 Mar, 2020 02:27 PM

coronavirus effect

अमावस्या के दिन श्री हरिमंदिर साहिब में पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी, लेकिन कोरोना के चलते सरकार की ओर से कर्फ्यू लगाने के बाद आज संगत की संख्या बहुत कम रही

अमृतसर(अनजान) : अमावस्या के दिन श्री हरिमंदिर साहिब में पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी, लेकिन कोरोना के चलते सरकार की ओर से कर्फ्यू लगाने के बाद आज संगत की संख्या बहुत कम रही। फिर भी कुछ श्रद्धालु रोज की रुटीन के मुताबिक सेवा करते देखे गए और कुछ संगत ने भी दर्शन किए।

वहीं मर्यादा के अनुसार श्री हरिमंदिर साहिब में सारा दिन गुरबाणी कीर्तन की धुनें गूंजती रही और सरबत के भले की अरदासें चलती रही।इस दौरान शिरोमणि कमेटी के सुपरिंटैंडैंट मलकीत सिंह बहड़वाल ने बताया कि कफ्र्यू के दौरान मुख्य सचिव डा. रूप सिंह ने शिरोमणि कमेटी और इसकी संस्थओं को 31 मार्च तक बंद रखने का आदेश दिया है। ड्यूटी दे रहे मुलाजिमों को अगले आदेश तक माता गंगा जी निवास में कमरे दिए गए हैं। सिर्फ गिने-चुने सचिव स्तर के अधिकारी, मैनेजर और कर्मचारी ही ड्यूटी पर रहेंगे। वहीं लंगर इंचार्ज हरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, जोगिन्द्र सिंह और बलबीर सिंह ने बताया कि लंगर हाल में सेवादार मुंह बांध कर सेवा निभा रहे हैं। उनके हाथ साबुन और सैनेटाइजर कराए जाते हैं और संगत को भी एक-दूसरे से फासले पर रखकर लंगर छकाया जा रहा है।

हालांकि पहले रोज एक लाख से डेढ़ लाख संगत लंगर छकती थी पर अब दिन भर में करीब एक या दो हजार संगत लंगर छक रही। बाकी का लंगर नाकों पर तैनात पुलिस अधिकारियों और मैडीकल टीमों को छकाया जा रहा है। पहले जहां रोजाना की 70-80 क्विंटल आटा और 25-30 क्विंटल दाल लगती थी, वहीं अब मुशकिल से 10 से 15 क्विंटल आटा और 4-5 क्विंटल दाल लगती है। उधर, गुरु रामदास सराय और घंटाघर वाली साइड पर तैनात मैडीकल टीमें संगत की स्क्रीनिंग कर रही हैं, वहीं सैनेटाइजर से हाथ भी साफ कराए जा रहे हैं। वहीं पुलिस मुलाजिम हर स्थिति पर निगाह रखे हुए हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!