Edited By Vatika,Updated: 08 Jun, 2019 12:57 PM
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा जून 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान मारे गए सिखों को कथित तौर पर आतंकवादी बताने पर दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने आपत्ति जताई है।
नई दिल्ली (ब्यूरो): केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा जून 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान मारे गए सिखों को कथित तौर पर आतंकवादी बताने पर दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने आपत्ति जताई है।
हरसिमरत के बयान को सिख शहीदों का अपमान बताते हुए जी.के. ने कहा कि 4 जून को हरसिमरत अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर ऑपरेशन ब्लूस्टार के शहीदों को श्री अकाल तख्त साहिब के अदब के लिए अपने आपको कुर्बान करने वाला बताकर घटना को तीसरे घल्लूघारे (कत्लेआम) के तौर पर परिभाषित करती हैं परंतु 6 जून को ये शहीद आतंकवादी हो जाते हैं।
जी.के. ने कहा कि हरसिमरत ने जल्दबाजी में कांग्रेस सरकार के हमले की थ्यूरी को स्वीकार करके कांग्रेस सरकार को भी अपराध मुक्त करने के साथ ही सिखों को आतंकवादी बताने की भूल की है, जबकि सैन्य कार्रवाई के दौरान मारे गए लोगों में बड़ी गिनती निर्दोष बच्चों व महिलाओं की थी जिन्हें बिना सोचे हरसिमरत ने आतंकी बता दिया है, इसलिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को संज्ञान लेकर हरसिमरत पर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि केंद्रीय मंत्री ने यह मान लिया है कि श्री दरबार साहिब में आतंकवादी थे, मतलब इंदिरा गांधी के दावे पर मोहर लगा दी।
दरअसल हरसिमरत ने 6 जून को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर से श्री दरबार साहिब पर हमले से 1 वर्ष पहले मांगे गए सामरिक व रणनीतिक सहयोग का हवाला देते हुए कांग्रेस से सवाल पूछा था कि वहां पर आतंकवादी होंगे, यह 1 साल पहले इंदिरा गांधी को कैसे पता चल गया था। जी.के. ने कहा कि हरसिमरत को संगत के सामने यह साफ करना चाहिए कि कौम के शहीदों को उन्होंने आतंकवादी कैसे बताया, वो भी तब जब आप पंथक पार्टी की सांसद हों।