Edited By Yaspal,Updated: 17 Sep, 2020 09:02 PM
चण्डीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजिस के झंजेड़ी कैंपस द्वारा जरूरतमंद और होनहार विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा हासिल करने के लिए एक बेहतरीन स्कॉलरशिप दी जा रही है। दो करोड़ रुपए की यह स्कालरशिप सेशन 2020-21 के लिए सीजीसी झंजेड़ी में करवाए जाने वाले अलग अलग...
मोहालीः चण्डीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजिस के झंजेड़ी कैंपस द्वारा जरूरतमंद और होनहार विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा हासिल करने के लिए एक बेहतरीन स्कॉलरशिप दी जा रही है। दो करोड़ रुपए की यह स्कालरशिप सेशन 2020-21 के लिए सीजीसी झंजेड़ी में करवाए जाने वाले अलग अलग पाठ्यक्रमों में दाखि़ला लेने समय दी जाएगी। इस स्कॉलरशिप के अंतर्गत कोविड-19 योद्धा, बेहतरीन नंबर हासिल करने वाले विद्यार्थियों, रक्षा कर्मचारियों के बच्चों, बेहतरीन खिलाडिय़ों, लड़कियां, सीजीसी स्टाफ के पारिवारिक सदस्यों और दूसरी कई श्रेणियों के विद्यार्थियों को दी जाएगी।
इन पाठ्यक्रमों में बी.टैक मकैनिकल, सिवल, कंप्यूटर विज्ञान, ई सी ई, ऐन.बी.ए, बी.बी.ए, बी.सी.ए, बी कॉम (ऑनर्स), एम .काम., बी.एस.सी. (फ़ैशन डिजाइनिंग), बी.एस.सी. (ऑनर्स) एग्रीकल्चर, बी.एस.सी. (कंप्यूटर विज्ञान), बी.एस.सी. (ऑनर्स) न्यूटरेशन और डायटसिक शामिल हैं।
सीजीसी के प्रेसीडेंट रछपाल सिंह धालीवाल और अरशदीप सिंह धालीवाल ने सीजीसी वित्तीय सहायता 2020-21 बैनर नीचे इस स्कॉलरशिप की शुरुआत की। इस स्कालरशिप संबंधित ज्यादा जानकारी देते हुए प्रेसीडेंट रशपाल सिंह धालीवाल बताया कि इस स्कॉलरशिप का मुख्य उद्देश्य होनहार या जरूरतमंद विद्यार्थियों और लड़कियों की बेहतरीन उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय रुकावट को ख़त्म करना है। जबकि अरशदीप धालीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि लम्बे समय से झंजेड़ी कैंपस बेहतरीन शिक्षा देने के साथ साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने और जरूरमंद परिवारों की वित्तीय सीमाएं के बीच के अन्तर को ख़त्म करने की के लिए अहम योगदान दे रहा है। दो करोड़ रुपए की स्कालरशिप में उसी उद्देश्य का ही एक हिस्सा है।
सीजीसी के डायरेक्टर जरनल डा. जी डी बांसल ने कहा कि एक अच्छी अंडर-ग्रैजुएट और पोस्ट-ग्रैजुएट डिग्री प्राप्त करना वित्तीय तौर पर एक आम परिवार के लिए बहुत मुश्किल होता है, जबकि इस स्कॉलरशिप द्वारा झंजेड़ी कैंपस ने ऊंची शिक्षा हासिल करने के ज़रूरतमंद परिवारों के लिए यह मुश्किल बहुत आसान कर दी है। डा. बांसल ने कहा कि उनको विश्वास है कि यह योजना उन विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभपरक सिद्ध होगी जो वित्तीय कमज़ोरी कारण अपनी पढ़ाई नहीं कर सकते।