Edited By Kalash,Updated: 07 Nov, 2024 04:17 PM
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा भेजी गई टीमों ने हुबली (कर्नाटक) में भंडारण डिपो और राशन की दुकानों से फोर्टिफाइड चावल के 26 नमूने लिए थे।
चंडीगढ़ : कर्नाटक ने पंजाब द्वारा भेजे गए चावल के सैंपल फेल कर दिए हैं। आपको बता दें कि करीब 2 सप्ताह पहले अरुणाचल प्रदेश भेजे गए चावल के नमूने खराब पाए गए थे। बताया जा रहा है कि कर्नाटक भेजे गए चावल के नमूने निचले दर्जे के मिलो जो खाने के योग्य नहीं है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा भेजी गई टीमों ने हुबली (कर्नाटक) में भंडारण डिपो और राशन की दुकानों से फोर्टिफाइड चावल के 26 नमूने लिए थे। इसमें से चार नमूने मानक से नीचे बताए गए हैं। मंत्रालय ने इन चावलों को बदलने के लिए कहा था। नाभा से हुबली 7,304 बैग (3,568.837 क्विंटल) जबकि जालंधर जिले के भोगपुर से 2,995 बोरियां (1,484.929 क्विंटल) भेजी गई थी। पटियाला और जालंधर डिवीजन में भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी देते हु्ए चावल को बदलने के लिए कहा गया है।
पंजाब में पैदा और खरीदे गए चावलों को खारिज किए जाने पर किसान नेताों का कहना है कि पंजाब के चावलों के सैंपल जानबूझकर गुणवत्ता के आधार पर रद्द किए जा रहे थे जबकि इन्हें कई महीने पहले अन्य राज्यों को भेजा गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब से भेजे गए चावलों के खिलाफ लोगों की राय बनाने की कोशिश की जा रही है क्योंकि केंद्र के अजान भंडार भरे हुए है। उन्होंने कहा कि ऐसे लगता है कि केंद्र धान खरीद में कॉर्पोरेटरों को लाना चाहती है। हो सकता है कि अगले सीजन में कॉर्पोरेटर एम.एस.पी. से कम रेट दें पर किसान मंडियों में रातें गुजारने की जगह उनके पास चले गाए। शैलर मालिकों को अंदेशा है कि चावलों के नमूने खारिज होने के कारण एफ.सी.आई. पंजाब से चावर की आवाजाही तब तक रोक देगी जब तक कि राज्य के सभी चावलों की गुणवत्ता की जांच नहीं हो जाती।
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