500 करोड़ फ्रॉड के मामले में CBI ने किया अमृतसर की फर्म पर श्रीनगर से केस दर्ज

Edited By Vaneet,Updated: 12 Dec, 2019 09:24 PM

cbi files case against amritsar firm from srinagar in 500 crore fraud case

अमृतसर जंडियाला क्षेत्र की राइस शेलर मिल मैसर्स वीरू मल मुल्क राज एंड संस के बहुकरोड़ी घोटाले का मामला सी.बी.आई ...

अमृतसर(इंद्रजीत)- अमृतसर जंडियाला क्षेत्र की राइस शेलर मिल मैसर्स वीरू मल मुल्क राज एंड संस के बहुकरोड़ी घोटाले का मामला सी.बी.आई के पास पहुंच चुका है। जहां पर सी.बी.आई ने भी इस फर्म पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले को सी.बी.आई की जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर क्षेत्र में जांच की जा रही है। यह भी पता चला है कि इस मामले में जम्मू कश्मीर क्षेत्र के भी कुछ रहस्यमई घोटाले हैं जिसके कारण इसकी जांच को श्रीनगर से डील किया जा रहा है क्योंकि यह मामला विजिलेंस द्वारा भी दर्ज है इसलिए इस केस की जांच विजिलेंस और सीबीआई दोनों मिलकर कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक वर्ष 2017 में अमृतसर जिले के जंडियाला स्थित इस बड़ी राइस मिल में सरकारी धान के घोटाले को लेकर एक केस अमृतसर देहाती के अंतर्गत आते जंडियाला थाना में रजिस्टर्ड किया था। इसमें फूड सप्लाई विभाग के कुछ अधिकारी नामजद किए गए थे। इसके उपरांत इस मामले में वीरू मल मुल्ख राज फर्म के बैंकों के लोन लिए हुए मामले भी सामने आए जिससे यह मामला तकरीबन पांच सौ करोड़ के ऊपर निकल चुका था। बाद में की गई जांच में कई और कडिय़ां मिली और मामला इससे भी दो-तीन सौ करोड़ आगे बढ़ गया। इस केस की जांच इसलिए पेचीदा हो गई कि पुलिस का हाथ पढऩे से पहले ही राइस मिल के मालिक भूमिगत हो गए थे जोकि प्राप्त सूचना तक भी फरार है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार ने इस केस को लोकल पुलिस से उठाकर विजिलेंस विभाग को दे दिया था। विजिलेंस विभाग के तत्कालीन एस.एस.पी आर.के बक्शी ने इस केस में फूड सप्लाई विभाग के अधिकारी रमेंद्र सिंह बाठ, ए.एस.एफ.ओ मैडम विपन शर्मा व एक इंस्पेक्टर पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार तो कर लिया था लेकिन इस केस की गहराई में जानकारी तत्कालीन विजिलेंस के पल्ले भी ना पढ़ सकी। इस कांड के मुख्य दोषी वीरूमल मुल्क राज राईस मिल्स के डायरेक्टर विजिलेंस की पकड़ से दूर थे। इसी बीच फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों की जमानत भी हो गई थी। फूड सप्लाई विभाग के अतिरिक्त वीरू मल मुल्क राज मिल्स की वास्तविक घोटाले की समस्या में जांच बैंकों से प्राप्त किए गए सरकारी लोन की थी। केंद्र सरकार के निर्देश पर इस मामले की जांच सी.बी.आई के हवाले भी कर दी गई है वहीं विजीलेंस भी इसकी जांच अब तेज कर रही है। श्रीनगर की सी.बी.आई ब्रांच में वीरू मल मुल्कराज मामले में आर.सी 4 (ए) 2017 एफ आई आर दर्ज की गई है।

अमेरिका के निकट एक छोटे देश में है राइस मिल के डायरेक्टर
विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि वीरू मल मुल्कराज राइस मिल के डायरेक्टर जो कि ना तो पुलिस की पकड़ में आए हैं ना विजिलेंस की वहीं दूसरी ओर अभी तक सी.बी.आई ने भी उनकी गिरफ्तारी नहीं की लेकिन इस मामले में पता चला है कि मिल के डायरेक्टर अमेरिका के निकट एक छोटे मुल्क में बस गए हैं जहां पर आसानी से दूसरे देशों के लोगों को नागरिकता दे दी जाती है। इन छोटे मुल्कों में पैसे के बल पर विश्व भर के कई लोग घोटाले करने के उपरांत वहां की नागरिकता लेने में सफल हो जाते हैं और वहां की सरकारें इन लोगों को शरण आसानी से दे देती है और वहीं इनके बारे में जानकारी भी नहीं उपलब्ध करवाती। यही कारण है कि अभी तक मिल के मालिकों का कोई सुराग नहीं मिल पाया। इस संबंध में विजिलेंस विभाग के एस.एस.पी परमपाल सिंह का कहना है इस मामले में विजिलेंस नए सिरे से जांच शुरू करेगी और संबंधित सभी लोगों को जो इसमें शामिल हैं के फैक्ट लिए जाएंगे द्य विजिलेंस विभाग इस मामले में सीबीआई की कोआर्डिनेशन में रहेगा। इसमें फूड सप्लाई विभाग बैंक मिल मालिक और अन्य लोगों की रिपोर्टों को मिलाया जाएगा और फरार हो चुके आरोपियों को ट्रेस किया जाएगा। 

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