Edited By Vaneet,Updated: 10 Aug, 2019 04:09 PM
अगस्त 2018 के विधानसभा सत्र में पूरा दिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी सम्बन्धित बहस हुई थी। ...
मुल्लांपुर दाखा(कालिया): अगस्त 2018 के विधानसभा सत्र में पूरा दिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी सम्बन्धित बहस हुई थी। जिसमें जस्टिस जोरा सिंह कमीशन की ओर से पेश की गई रिपोर्ट अनुसार बादलों के खिलाफ किए हुए बड़े खुलासे सामने आए थे। उसके बाद सरकार ने इन केसों को सिर्फ भाषणों तक ही सीमित रखा।
उस समय पर सरकार ने न तो हाऊस को कार्यवाही के लिए विश्वास दिलाया और न ही अब तक कोई ठोस कार्रवाई की। उसी समय फूलका ने कहा था कि सरकार ने इस मसले पर पंजाब के लोगों के साथ धोखा किया है और सरकार जस्टिस जोरा सिंह कमीशन की रिपोर्ट को देखते हुए बादलोंके खिलाफ कोई भी ठोस कार्यवाही करने की नीयत में नहीं है। उसी समय फूलका ने रोष के तौर पर पंजाब विधानसभा से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था। आज एक साल बीतने पर सरकार की तरफ से दोषियों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। अब फूलका की तरफ से एक साल पहले कही गई बात सही साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के दोषियों को सजा दिलाने के लिए विधायक का पद छोडऩा तो बहुत छोटी बात है। इसके रोष के तौर पर जो इस्तीफा दिया गया है, इसमें हलका दाखा की समूह संगत की बलि है। उन्होंने कहा कि इस मामले में देरी कैप्टन सरकार को महंगी पड़ेगी।बताने योग्य है कि सीनियर वकील एच.एस. फूलका का इस्तीफा शुक्रवार को पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. ने मंज़ूर कर लिया था। एच.एस. फूलका दाखा विधानसभा हलके से विधायक थे और उन्होंने पिछले साल अक्तूबर में विधायक से इस्तीफा दे दिया था, जिसको स्पीकर ने मंजूर कर लिया है। इसके बाद अब फूलका पंजाब विधानसभा का हिस्सा नहीं रहे।