Edited By Kamini,Updated: 01 May, 2025 02:29 PM

हरियाणा और पंजाब के बीच वर्षों पुराना जल विवाद एक बार फिर भड़क गया है। पंजाब और हरियाणा एक बार फिर जल मुद्दे पर आमने-सामने हैं।
पंजाब डेस्क : हरियाणा और पंजाब के बीच वर्षों पुराना जल विवाद एक बार फिर भड़क गया है। पंजाब और हरियाणा एक बार फिर जल मुद्दे पर आमने-सामने हैं। इस बीच, केंद्र सरकार और भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) भी इस मामले में सक्रिय हो गए हैं। BBMB ने हरियाणा को पानी देने का निर्णय लिया है, जिसका पंजाब सरकार कड़ा विरोध कर रही है। इस बीच बीबीएमबी ने एक बड़ा फैसला लिया है।
BBMB ने भाखड़ा डैम के डायरेक्टर इंजी आकाशदीप सिंह तबादला कर दिया है उनकी जगह पर अब इंजी. संजीव कुमार को डायरेक्टर रेगुलेशन लगा दिया दिया है। बता दें कि आकाशदीप सिंह पंजाब कोटे से और उनकी जगह पर नियुक्त किए गए संजीव कुमार हरियाणा से हैं। वहहीं सेक्रेटरी सुरिंदर सिंह मित्तल जोकि हरियाणा कोटे से बोर्ड में नियुक्त था को बदल दिया है। इनकी जगह पर बलवीर सिंह को लगा दिया है। इसी बीच पंजाब सरकार लगातार बीजेपी को लगातार घेर रही है। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि नंगल डैम के कंट्रोलिंग स्टेशन को पंजाब पुलिस ने घेरा डाल दिया है और जहां पर किसी डैम के पास जाने की इजाजत नहीं है।
आपको बता दें कि बीबीएमबी ने भाखड़ा बांध से हरियाणा को 8 हजार क्यूबिक मीटर पानी देने का फैसला किया है। दूसरी ओर, पंजाब ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है। इस मामले को लेकर BBMB द्वारा चंडीगढ़ मुख्यालय में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में भारत सरकार के प्रतिनिधि द्वारा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और सिंध के आयुक्तों के साथ बैठक की गई। उन्होंने पंजाब के खिलाफ अपने वोट का इस्तेमाल हरियाणा को कम पानी देने के लिए किया।
वहीं इस मुद्दे पर पंजाब वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि हरियाणा को पानी की एक बूंद भी नहीं देंगे। हरियाणा पानी को बर्बाद कर रहा है। पीने के पानी को अन्य कामों में प्रयोग किया गया है। इसी के साथ ही आपको बता दें कि, डीआईजी रोपड़ रेंज हरचरण सिंह भुल्लर ने बताया कि संवेदनशील स्थानों पूरी सिक्योरिटी चेकिंग हो रही है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि 6 मार्च 2025 से पंजाब हरियाणा को प्रतिदिन 4000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध करवा रहा है। लेकिन हरियाणा अब 8000 क्यूसेक पानी की मांग कर रहा है, जो व्यावहारिक रूप से असंभव है। इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मान सरकार से मानवीय आधार पर पुनर्विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पानी किसी राज्य का नहीं है, बल्कि यह प्रकृति का उपहार है और इसे साझा करने की जरूरत है।
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