Edited By Urmila,Updated: 07 Dec, 2024 02:25 PM

केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा को सम्मानित करने से एक नई चर्चा शुरू हो गई है।
फतेहगढ़ साहिब: केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा को सम्मानित करने से एक नई चर्चा शुरू हो गई है। अब शिरोमणि अकाली दल ने रवनीत बिट्टू को टेढ़ा जवाब दिया है। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि जब बंदी सिंहों की रिहाई की बात आती है, तो रवनीत बिट्टू कूद पड़ते हैं और अब श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुनाई सेवा कर रहे सुखबीर बादल पर हमला करने को भावनात्मक बताते हैं, यह दोहरी नीति क्यों?
यहां पत्रकारों से बात करते हुए चीमा ने आगे कहा कि बंदी सिंहों की बेअंत सिंह से कोई निजी लड़ाई नहीं थी। जब उनकी रिहाई की बात आती है तो बिट्टू छाती चौड़ा कर खड़ा हो जाता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है। रवनीत बिट्टू खुद अपना दिल बड़ा करें फिर ही नसीहत दें। अकाली दल पलटवार करते हुए कहा कि चौड़ा ने दरबार साहिब पर हमला किया है। चौड़ा कई गैर गतिविधियों में आरोपी है। बिट्टू अपने कमरे में चौड़ा की तस्वीर लगाएं। चौड़ा को बंदी सिखों से कैसा जोड़ा जा सकता है। बंदी सिख अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। चीमा ने कहा कि जब बंदी सिंहों की रिहाई की बात आती है तो रवनीत बिट्टू प्रधानमंत्री के चरणों में जाकर बैठ जाते हैं और कहते हैं कि उन्होंने उनके दादा को मारा था, उनके साथ गलत अन्याय किया जा रहा है। बता दें कि केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा था कि जिस तरह अकाली दल के मन में अन्य बंदी सिंहों के लिए भावनाएं हैं, उसी तरह अब नारायण सिंह चौड़ा बारे भी रखें क्योंकि वह भी सुखबीर बादल द्वारा गुरु साहिब की बेअदबी की बात स्वीकार करने पर भावुक हो गए थे और उन पर गोली चला दी।
यहां बता दें कि आज पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया, हरसिमरत कौर बादल, दलजीत सिंह चीमा, सुखदेव सिंह ढींडसा और अन्य अकाली दल नेता श्री फतेहगढ़ साहब में धार्मिक सजा पूरी करने पहुंचे थे। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा लगाए गए धार्मिक दंड के तहत अपनी सेवा निभाई।
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