Edited By Sunita sarangal,Updated: 25 Mar, 2020 08:59 AM

पूरे विश्व में फैले कोरोना वायरस के चलते कई राज्यों के सैंकड़ों युवक इन दिनों विश्व के कई देशों में भारत वापस आने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन देश की स्थिति कोरोना के...
संगरूर(सिंगला): पूरे विश्व में फैले कोरोना वायरस के चलते कई राज्यों के सैंकड़ों युवक इन दिनों विश्व के कई देशों में भारत वापस आने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन देश की स्थिति कोरोना के चलते काफी गंभीर बनी हुई है। ऐसा ही एक मामला मलेशिया में फंसे युवकों का सामने आया है। इस संबंधी लखविन्दर सिंह राएसर ने बताया कि उनका रिश्तेदार 16 मार्च को मलेशिया गया था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण उन्हें मलेशिया में एयरपोर्ट पर ही रोक लिया और उनके मोबाइल जब्त कर लिए, जब तीन-चार दिनों बाद उनकी अपने रिश्तेदार हरविन्दर सिंह निवासी चन्नणवाल और श्री अमृंतसर साहिब जिला से संबंधी युवक जगदेव सिंह से बातचीत हुई तो उन्होंने अपनी दर्द भरी कहानी बताई। जिसके बाद लखविन्दर सिंह राएसर ने इस संबंधी शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता और राज्य सभा मैंबर सुखदेव सिंह ढींडसा से संपर्क कर उनके ध्यान में यह सारा मामला लाया।
इस संबंधी कार्रवाई करते हुए सुखदेव सिंह ढींडसा ने तुरंत विदेश मंत्रालय भारत सरकार से संपर्क कर मलेशिया में फंसे युवकों को फिर वतन वापस लाने के लिए प्रयत्न शुरू किया। श्री ढींडसा ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि मलेशिया में फंसे युवक कई दिनों से भूखे प्यासे हैं और उन्हें मलेशिया में एयरपोर्ट के होलडिंग रूम में रखा गया है तो सबसे पहले उनके खाने-पीने का प्रबंध करवाया गया और उसके बाद उन्हें भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय से बात की गई। श्री ढींडसा ने बताया कि 35 के करीब युवक चेन्नई पहुंच गए हैं और उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है। उनके टैस्ट करने के बाद अपने घरों में वापिस भेज दिया जाएगा। उनहोंने यह भी बताया कि अभी 200 से 250 तक और लोग मलेशिया एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। इन युवकों के लिए जसदीप सिंह मलेशिया और लोहकरचेन मलेशिया द्वारा ठोस योगदान किया जा रहा है।
ढींडसा का किया धन्यवाद
चेनन्ई पहुंचे इन युवकों ने वीडियो जारी करके सुखदेव सिंह ढींडसा मैंबर राज्य सभा और विधायक परमिन्दर सिंह ढींडसा पूर्व वित्तीय मंत्री पंजाब के इलावा मलेशिया के साथियों और भारतीय अम्बैसी का धन्यवाद किया है, जिनके प्रयतनों के कारण एक हफ्ते बाद वह वतन वापस लौटे हैं। इन युवकों के वतन वापस आ जाने से पारिवारिक सदस्यों में खुशी का माहौल है।