दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में Punjab का यह शहर भी शामिल, यहां देखें पूरी List

Edited By Vatika,Updated: 12 Mar, 2025 11:04 AM

20 most polluted cities of the world

दुनिया के शीर्ष 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं

पंजाब डेस्क: दुनिया के शीर्ष 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं और असम का बर्नीहाट सूची में सबसे ऊपर हैं। मंगलवार को प्रकाशित एक नई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। स्विट्जरलैंड की वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी 'आई. क्यू. एयर' की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 में कहा गया है कि दिल्ली वैश्विक स्तर पर सबसे प्रदूषित राजधानी शहर बना हुआ है, जबकि भारत 2024 में दुनिया का पांचवां सबसे प्रदूषित देश बन गया है। 2023 में इस सूची में भारत तीसरे स्थान पर था।

पंजाब का मुल्लांपुर तीसरे स्थान पर
पड़ोसी देश पाकिस्तान के 4 शहर और चीन का एक शहर दुनिया के शीर्ष 20 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2024 में पी.एम. 2.5 सांद्रता में 7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो 2023 में 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की तुलना में औसतन 50.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है, वार्षिक औसत पी.एम. 2.5 की सांद्रता 2023 में 102.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से बढ़कर 2024 में 108.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई। दुनिया के शीर्ष 20 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत में असम का शहर बर्नीहाट, दिल्ली, पंजाब का मुल्लांपुर, हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में लोनी, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, राजस्थान में गंगानगर, भिवाड़ी और हनुमानगढ़ शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 35 प्रतिशत भारतीय शहरों में वार्षिक पी. एम. 2.5 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सीमा 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 10 गुना अधिक है। असम और मेघालय की सीमा पर स्थित शहर बर्नीहाट में प्रदूषण का उच्च स्तर स्थानीय कारखानों से निकलने वाले उत्सर्जन के कारण है, जिसमें शराब निर्माण, लोहा और इस्पात संयंत्र शामिल हैं। दिल्ली साल भर उच्च वायु प्रदूषण से जूझती है और सर्दियों में यह समस्या और भी बदतर हो जाती हैं जब प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियां, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन, पराली जलाने, पटाखे फोड़ने से निकला धुआं और अन्य स्थानीय प्रदूषण स्त्रोत मिलकर हवा की गुणवत्ता को खतरनाक बना देते हैं।

लोगों की उम्र 5.2 वर्ष घट रही
भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बना हुआ है, जिसकी वजह से लोगों की उम्र अनुमानित 52 वर्ष कम हो रही है। पिछले साल प्रकाशित लांसेट प्लेनेटरी हैल्थ अध्ययन के अनुसार 2009 से 2019 तक भारत में हर साल लगभग 15 लाख लोगों की मौत संभावित रूप से दीर्घकाल तक पी. एम. 25 प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण हुई। पी.एम. 2.5, 2.5 माइक्रोन से छोटे वायु प्रदूषण कणों को संदर्भित करता है, जो फेफड़ों और रक्त वाहिकाओं में प्रवेश कर सकते हैं, जिनसे सांस लेने में समस्या, हृदय रोग और यहां तक कि कैसर भी हो सकता है।

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