शहर का नामचीन मिठाई विक्रेता कैमरे में कैद, चौंकाने वाली तस्वीरें आई सामने

Edited By Urmila,Updated: 04 Aug, 2025 12:21 PM

famous sweet seller shocking pictures surfaced

शहर लुधियाना अपने लजीज मिठाइयों, केक्स और बेकरी उत्पादों के लिए जाना जाता है, लेकिन इस स्वाद के पीछे की सच्चाई कुछ और ही है।

लुधियाना (सुधीर) : शहर लुधियाना अपने लजीज मिठाइयों, केक्स और बेकरी उत्पादों के लिए जाना जाता है, लेकिन इस स्वाद के पीछे की सच्चाई कुछ और ही है। कैमरे की नजर से जब इन मिठाई और बेकरी शॉप्स की रसोई और काउंटरों को देखा गया, तो जो तस्वीरें सामने आईं, वो चौंकाने वाली हैं।

ludhiana sweet shop seller

जहां एक तरफ कुछ हलवाई और बेकरी संचालकों पर स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई देखने को मिलती है, वहीं दूसरी तरफ पुरानी सब्जी मंडी के बाहर नामचीन मिठाई विक्रेता स्वास्थ्य मानकों को ताक पर रखकर सरेआम मिठाई बेच रहे हैं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे बिना दस्ताने, हेयर नेट, और बिना किसी सैनिटाइजेशन के मिठाई के दुकान पर काम करने वाले नंगे हाथों से पनीर को काट रहे हैं, और नंगे हाथों से मिठाइयों को डिब्बों में डाल रहे हैं और ग्राहकों को दे रहे हैं। सभी कर्मचारियों ने मास्क तक नहीं पहन रखे। इससे साफ जाहिर होता है कि इन प्रतिष्ठानों में न तो फूड सेफ्टी एक्ट का पालन किया जा रहा है और न ही बेसिक हाइजीन का।

ऐसा ही हाल केक काउंटर पर काम करने वाले कर्मचारी का है जिसने हाथों में न तो दस्ताने पहन रखे है और न ही सर पर कैप और मास्क। इन उत्पादों की सतह खुले हाथों से छुई जा रही है यह सीधे-सीधे फूड सेफ्टी एक्ट के नियमों की उलघन्ना है। एक अन्य तस्वीर में देखा गया कि कैसे एक व्यक्ति पनीर को बिना किसी साफ-सुथरे औजार के, नंगे हाथों से काटकर ग्राहक को दे रहा है। यहां तक कि काटने वाले की शर्ट पर भी साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं है।

ludhiana sweet shop

स्वास्थ्य विभाग की सीमित कार्रवाई पर उठे सवाल

स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर छापेमारी करता रहता है, लेकिन शिकायत यह है कि यह छापे अधिकतर उन्हीं दुकानों पर केंद्रित रहते हैं जो या तो छोटे स्तर पर हैं या जिनका रसूख कम है। सवाल उठता है कि क्या ऐसे मिठाई विक्रेताओं को इसलिए बख्शा जाता है क्योंकि उनका मार्केट व ब्रांड प्रभाव बड़ा है? डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के खाद्य पदार्थों के सेवन से न केवल पेट संबंधी रोग, बल्कि फूड पॉयजनिंग और वायरस संक्रमण तक हो सकते हैं। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुज़ुर्गों पर इसका असर और भी गंभीर हो सकता है। जनता की मांग है कि अब सिर्फ दिखावटी कार्रवाई नहीं, बल्कि सख़्त और निरपेक्ष जांच होनी चाहिए। चाहे दुकान गली में हो या किसी मेन सड़क पर, नियमों का उल्लंघन करने वालों पर एक जैसा जुर्माना और कार्रवाई लागू की जाए।

आम जनता का कहना है कि हम लोग मिठाइयां सिर्फ दुकान का रुतबा देख कर खरीदते हैं। लेकिन अब हम डरते हैं कि अगर ऐसे मिठाई विक्रेता ही नियमों का उल्लंघन करने लगे तो कहीं उसमें सेहत को नुकसान न हो जाए। लोगो का यहां तक कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को छोटे दुकानदारों से ज्यादा इन बड़े प्रतिष्ठानों पर ध्यान देना चाहिए, जहां असली अनियमितता हो रही है। साफ-सफाई और फूड सेफ्टी कानून हर उस इंसान की सुरक्षा के लिए बने हैं जो अपना खाना बाजार से खरीदता है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे सभी पर एक जैसे नियम लागू करें। अब वक्त आ गया है कि प्रशासन नींद से जागे और सख्ती से इस लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई करे, वरना मिठाई की मिठास किसी दिन कड़वाहट में बदल सकती है।

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