Edited By Suraj Thakur,Updated: 10 Sep, 2019 09:11 AM
पाकिस्तान अपनी काली करतूतों पर जितना भी पर्दा डाले लेकिन सच्चाई सामने आ ही जाती है।
लुधियाना। पाकिस्तान अपनी काली करतूतों पर जितना भी पर्दा डाले लेकिन सच्चाई सामने आ ही जाती है। कुछ ऐसा ही खुलासा इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने हिंदुस्तान आकर किया है। उन्हें पाकिस्तान से अपनी जान बचाकर परिवार समेत भारत आना पड़ा। अब उन्होंने यहां पहुंचकर राजनीतिक शरण की मांग की है। बलदेव खैबर पख्तून ख्वा (केपीके) विधानसभा में बारीकोट (आरक्षित) सीट से विधायक रहे हैं। वह सहजधारी सिख हैं और उनपर पाकिस्तान में एक अन्य विधायक पर हत्या का झूठा आरोप लगाकर उन्हें 2 साल के लिए जेल में डाल दिया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बलदेव (43) बीते माह लुधियाना पहुंचे हैं। उनका परिवार इससे पहले ही यहां आ गया था। उन्होंने भारत पहुंचकर खुलासा किया कि 2016 में उनके विधानसभा क्षेत्र के सिटिंग विधायक सूरण सिंह का मर्डर हो गया था। इसके बाद उन पर कत्ल का झूठा मामला दर्ज किया गया और उन्हे जेल में रखा गया। जब वह इस मामले में 2018 में बरी हुए तो उन्हें पाकिस्तान सरकार ने भारत का तीन माह का वीजा दिया है और वह 12 अगस्त को अटारी बॉर्डर से पैदल भारत में प्रवेश हुए हैं।
बलदेव की की पत्नी भारतीय नागरिक है उनकी शादी 2007 में लुधियाना के खन्ना की रहने वाली भावना से हुई थी। उनका ससुराल समराला के पास मॉडल टाउन में रहता है। उनके दो बच्चे पाकिस्तानी नागरिक हैं। उनकी 10 साल की बेटी रिया थैलेसीमिया की मरीज है और उसका हर 15 दिन बाद खून बदला जाता है। वह कहते हैं कि अपनी बच्ची की जान बचाने के लिए वहां पर अल्पसंख्यकों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं तक नहीं है। बलदेव ने बताया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों पर अत्याचार किया जा रहा है। जिसके चलते वह अब पाकिस्तान जाना ही नहीं चाहते हैं।