Edited By swetha,Updated: 20 Jul, 2019 11:52 AM
वीरवार देर शाम कबीर नगर की एक गली में सीवरेज की खुदाई के दौरान बरती जा रही कथित लापरवाही के कारण एक मजदूर की जान चली गई थी और एक अन्य बड़ी मुश्किल से मौत के मुंह से वापस आ सका था।
जालंधर(खुराना): वीरवार देर शाम कबीर नगर की एक गली में सीवरेज की खुदाई के दौरान बरती जा रही कथित लापरवाही के कारण एक मजदूर की जान चली गई थी और एक अन्य बड़ी मुश्किल से मौत के मुंह से वापस आ सका था। इस मामले में जालंधर पुलिस ने शिकायतकत्र्ता मोहम्मद द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर नगर निगम के ठेकेदार मनोज भगत पर धारा 304ए तथा 34 आई.पी.सी. के तहत केस दर्ज कर लिया है। आरोपी ठेकेदार मनोज अभी फरार बताया जा रहा है परंतु पता चला है कि ठेकेदार पक्ष द्वारा मृतक मजदूर के परिजनों को मुआवजा राशि देकर समझौता करने के प्रयास चल रहे हैं।
इस बीच नगर निगम के अधिकारियों ने आज मौके पर जाकर सीवरेज खुदाई के काम का जायजा लिया और कल टूटी वाटर लाइन जोड़ दिया है। गौरतलब है कि वाटर सप्लाई लाइन टूट जाने से गड्ढे में पानी भर गया था जिसमें डूबने से मजदूर की मौत हो गई थी जिसका शव कई घंटे की मशक्कत के बाद निकाला जा सका था। आरोप है कि ठेकेदार ने इस काम को काफी लटका कर रखा हुआ था जिसे अब जल्द पूरा करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब इस काम दौरान पूरा एहतिहात बरता जा रहा है और खुदाई के काम में लगे मजदूरों को सेफ्टी उपकरण, रस्से, हैलमेट इत्यादि उपलब्ध करवाए गए हैं।
इसे लेकर आज पूरे कबीर नगर के क्षेत्र में चर्चा बनी रही कि अगर ठेकेदार व निगमाधिकारियों ने यही एहतिहात पहले बरता होता तो एक निर्दोष की जान न जाती।
लगभग सभी ठेकेदार करते हैं लापरवाही
सीवरेज की खुदाई के काम शहर में कई अन्य स्थानों पर चल रहे हैं परंतु लगभग सभी ठेकेदार अत्यंत देसी तरीके से खुदाई का काम अंजाम देते हैं और पैसे बचाने की खातिर मजदूरों की जिंदगी तक दाव पर लगा देते हैं। निगम द्वारा करवाए जाते कामों पर कोई बैरीकेङ्क्षडग नहीं की जाती, कोई मजदूर हैल्मेट या सुरक्षा उपकरण नहीं पहनता तथा किसी साइट पर सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं होता। निगमाधिकारियों को चाहिए कि वे ठेकेदारों पर इस मामले में सख्ती बरतें वरना आने वाले समय में भी जानलेवा दुर्घटनाएं होती रहेंगी।
एक जे.ई. पर मामला डालने की फिराक में निगम
इस सारे मामले में जहां नगर निगम के ठेकेदार की घोर लापरवाही सामने आ रही है वहीं निगमाधिकारियों को भी बराबर का दोषी माना जा रहा है। नगर निगम के ओ. एंड एम. सैल के अधिकारियों का फर्ज बनता है कि जिन स्थानों पर सीवरेज खुदाई के काम चल रहे हैं उन स्थानों पर सुरक्षा के बंदोबस्त की नजरसानी करें, परंतु निगम का कोई अधिकारी मौके पर नहीं जाता।
आज इस मामले में जब निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसके लिए निगम का साइट इंचार्ज यानी जे.ई. दोषी है जिसकी जबाव-तलबी की जा रही है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जब कमिश्नर से पूछा गया कि जे.ई. पर क्या कार्रवाई हो सकती है तो पहले तो उन्होंने कहा कि जे.ई. अस्थायी आधार पर भर्ती है परंतु बाद में उन्होंने कहा कि जे.ई. को डिसमिस तक किया जा सकता है।