Edited By Vatika,Updated: 15 Apr, 2019 11:08 AM
भारत रत्न डा. भीम राव अंबेदकर की जयंती के मौके पर स्थानीय डा. अंबेदकर चौक में स्थापित उनके स्मारक पर दलित संगठनों ने काली पट्टियां बांधकर सांसद व लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी संतोख चौधरी का जमकर विरोध किया।
जालंधर(चोपड़ा): भारत रत्न डा. भीम राव अंबेदकर की जयंती के मौके पर स्थानीय डा. अंबेदकर चौक में स्थापित उनके स्मारक पर दलित संगठनों ने काली पट्टियां बांधकर सांसद व लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी संतोख चौधरी का जमकर विरोध किया।
इस दौरान दलित नेताओं दीपक तेलू, पुरुषोत्तम सोंधी, भजन लाल चोपड़ा, सुशील सोंधी व उनके समर्थकों ने डा. अंबेदकर को श्रद्धासुमन अॢपत करने पहुंचे सांसद चौधरी को काली झंडियां भी दिखाईं। वहीं, तैनात पुलिस बल ने पहले दलित नेताओं को जब्री स्मारक से हटाकर सड़क किनारे खड़ा किया, जिसके उपरांत चौधरी अपने समर्थकों के साथ डा. अंबेदकर की प्रतिमा को फूलमालाएं पहनाने पहुंचे। दीपक तेलू, पुरुषोत्तम सोंधी व अन्यों ने कहा कि वर्ष 1952 में जब डा. अंबेदकर बूटा मंडी आए थे तो संतोख चौधरी के पिता स्व. मास्टर गुरबंता सिंह ने उन्हें काली झंडियां दिखाई थी। डा. अंबेदकर के चुनाव हारने पर उस समय चौधरी परिवार ने लड्डू भी बांटे थे। दीपक तेलू ने कहा कि आज चौधरी परिवार खुद को डा. अंबेदकर का पैरोकार कहकर दलितों के वोट मांगते हैं परंतु चौधरी परिवार डा. अंबेदकर की विचारधाराओं के व्यापारिक काम करते हुए दलितों के विरोध में काम कर रहे हैं। इस कारण चौधरी परिवार को कोई हक नहीं कि वह डा. अंबेदकर को फूलमालाएं पहनाएं।
चौधरी संतोख के स्मारक पर पहुंचते ही दलित संगठनों ने चौधरी संतोख मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए, जिस पर तैश में आए चौधरी समर्थकों व कांग्रेस नेताओं ने भी समान्तर नारेबाजी करते हुए सांसद चौधरी जिंदाबाद की जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर जिला कांग्रेस शहरी के प्रधान बलदेव सिंह देव, विधायक राजिन्द्र बेरी, मेयर जगदीश राजा, प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता डा. जसलीन सेठी, जिला कांग्रेस एस.सी. सैल के चेयरमैन व पार्षद पवन कुमार, सीनियर कांग्रेस नेता बब्बू नीलकंठ, यशपाल सफरी व अन्य भी मौजूद थे। जिक्रयोग्य है कि विगत वर्ष भी स्मारक के रख-रखाव व प्रतिमा की सफाई व्यवस्था से रुष्ट दलित संगठनों ने सांसद चौधरी का स्मारक पर पहुंचने पर जमकर विरोध किया था और उन्हें डा. अंबेदकर की प्रतिमा का पुष्पांजलि अॢपत करने से रोक दिया था। परंतु आज डा. अंबेदकर से संबंधित लगे ’वलंत आरोप लोकसभा चुनावों के दौरान सांसद चौधरी के दलित वोट बैंक को प्रभावित कर सकते हैं।