पंजाब पुलिस के 4 कर्मचारी गिरफ्तार, हैरान कर देगा पूरा मामला

Edited By Kamini,Updated: 05 Aug, 2024 03:06 PM

4 punjab police employees arrested

पंजाब पुलिस के 4 कर्मचारियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने का मामला सामने आया है।

कपूरथला : पंजाब पुलिस के 4 कर्मचारियों को कपूरथला पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने का मामला सामने आया है। 5 साल पहले एक स्थानीय निवासी के खिलाफ नशीले पदार्थ रखने का झूठा मामला दर्ज करने के आरोप में पंजाब पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के 5 सदस्यों में से 4 को गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि आरोपी पुलिस कर्मियों ने 2019 में कपूरथला सिटी पुलिस स्टेशन में कुलदीप सिंह उर्फ ​​सोनू के खिलाफ हेरोइन और पोस्त रखने के आरोप में एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

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सोनू ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी, जिसने पिछले साल एक फैसले में 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश पर 21 दिसंबर 2023 को उनके खिलाफ कपूरथला सिटी पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस एक्ट की धारा 58, 61 और 85 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। गिरफ्तार पुलिसकर्मियों में सहायक सब-इंस्पेक्टर सिल्वेस्टर मसीह और कांस्टेबल मेजर सिंह, गुरविंदर सिंह और शाम मसीह शामिल हैं। मेजर सिंह को शनिवार को और अन्य 3 को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उसे 3 दिन की रिमांड पर लिया है।

पुलिस का कहना है कि पांचवे आरोपी सब इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। 23 सितंबर 2019 को सिल्वेस्टर ने कपूरथला के मोहल्ला मुलकाना निवासी सोनू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। बताया जा रहा है कि सोनू से 20 ग्राम हेरोइन और 250 ग्राम पोस्त बरामद होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। एसटीएफ के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सोनू ने अपनी पैंट की जेब से प्रतिबंधित पदार्थों से भरे 2 पॉलीबैग गिरा दिए। बाद में मामले में 2 और युवकों को नामजद किया गया। 16 अप्रैल 2020 को पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया। इसे झूठा बताते हुए सोनू ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की और अपने सर्विस स्टेशन का सीसीटीवी फुटेज भी पेश किया, जिसमें एफआईआर दर्ज होने से कुछ घंटे पहले पुलिसकर्मी उसके पास आए थे।

याचिका में शिकायतकर्ता ने कहा है कि जब उसने जबरन वसूली की मांग पूरी करने से इनकार कर दिया, तो उसे प्रतिबंधित पदार्थ सौंप दिया गया और 23 सितंबर 2019 की सुबह 6-7 पुलिसकर्मी उसकी वर्कशाप में आए। जबरन कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए गए और शारीरिक शोषण किया गया। 6 अक्टूबर, 2023 को हाईकोर्ट ने सोनू के पक्ष में फैसला सुनाया और एक एसआईटी के गठन का निर्देश दिए, जिसकी अध्यक्षता जालंधर के डीआइजी व डीएसपी और कपूरथला के एसएसपी को करने के लिए कहा। 

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