Edited By Subhash Kapoor,Updated: 01 Jun, 2022 04:53 PM
पंजाब सरकार की तरफ से कृषि को मज़बूत करने के लिए किसानों को फसली चक्र से बाहर निकालते मूग की दाल की फसल और एम.एस.पी. रेट निर्धारित करने का फैसला किया गया है, परंतु इस फसल पर आढ़त (कमीशन) को बाहर कर दिया गया है, जिससे आढ़ती वर्ग में भारी रोष पाया जा...
बुढलाडा (बांसल) : पंजाब सरकार की तरफ से कृषि को मज़बूत करने के लिए किसानों को फसली चक्र से बाहर निकालते मूग की दाल की फसल और एम.एस.पी. रेट निर्धारित करने का फैसला किया गया है, परंतु इस फसल पर आढ़त (कमीशन) को बाहर कर दिया गया है, जिससे आढ़ती वर्ग में भारी रोष पाया जा रहा है। आज अपने कारोबार बंद आढ़तियों ने सरकार खिलाफ नारेबाजी की गई।
इस मौके पर आढ़तिया एसोसिएशन के जिला प्रधान प्रेम सिंह ने कहा कि सरकार की तरफ से लिया गया मूंग की दाल और एम.एस.पी. फ़ैसले की सराहना की परन्तु वहीं दूसरी तरफ आढ़ती वर्ग को इस फैसले से बाहर निकाल कर निंदनीय करार दिया। उन्होंने कहा कि किसान और आढ़तियों का नौह-मांस का रिश्ता है परंतु सरकार एम.एस.पी. की आड़ में हमें अलग-अलग करना चाहती है। उन्होंने कहा कि आढ़त वर्ग के साथ किसान, मजदूर, मुनीम के लाखों परिवारों का रोज़गार चलता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह मूंग की दाल की एम.एस.पी. के साथ आढ़त को भी लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस तरफ तरफ न ध्यान दिया तो मजबूरन आढ़ती वर्ग के साथ मुनीम, गला मज़दूर, पल्लेदार यूनियन और किसान सांझा संघर्ष करने के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। इस मौके आशीष सिंगला, भोला पटवार, हैपी भीखी, ललित गर्ग, विकास सिंगला, रामशरन गोयल, कुलदीप सिंगला आदि उपस्थित थे।
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