Edited By Bhupinder Ratta,Updated: 03 Apr, 2020 10:13 AM
वैसे तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की ढीली कार्यप्रणाली किसी से छिपी नहीं लेकिन फिर भी आज की आपात स्थिति एवं दहशत
जालंधर(रत्ता): वैसे तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की ढीली कार्यप्रणाली किसी से छिपी नहीं लेकिन फिर भी आज की आपात स्थिति एवं दहशत के माहौल में विभाग के कर्मचारी किस कदर लापरवाही से काम करते हैं, का उदाहरण यह है कि स्थानीय लाजपत नगर में वर्षों से बंद पड़ी एक कोठी के बाहर इन्होंने होम क्वारंटाइन का पोस्टर चिपका दिया।
उल्लेखनीय है कि विश्व भर में इन दिनों फैले कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार ने आदेश जारी किया है कि जो लोग हाल ही में विदेश से आए हैं या उनका किसी कोरोना वायरस के पॉजीटिव रोगी से सम्पर्क हुआ है तो वह सतर्कता के तौर पर 14 दिन के लिए घर में ही रहें और प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसेे लोगों के बाहर होम क्वारंटाइन के पोस्टर लगाए जा रहे हैं।लाजपत नगर की जिस कोठी के बाहर होम क्वारंटाइन का पोस्टर चिपकाया गया है, वह कोठी वर्षों से बंद पड़ी है और उसके बाहर ताला भी लगा है। हैरानी की बात यह है कि पोस्टर चिपकाने वालों ने न तो ताला देखा और न ही आस-पड़ोस से यह जानकारी ली कि कोठी में कोई रहता है या नहीं।
भारी पड़ सकती है यह लापरवाही
एक मिनट के लिए यह मान लिया जाए कि उक्त कोठी के पते पर किसी का पासपोर्ट बना हुआ है और हो सकता है वह व्यक्ति हाल ही में विदेश से आया हो। अब सवाल यह पैदा होता है कि वह व्यक्ति कहां रह रहा होगा और मान लें कि अगर कहीं रह रहा है तो उसे वहां क्वारंटाइन किया गया है या नहीं।