Edited By Urmila,Updated: 01 Sep, 2024 11:10 AM
थाना सात की प्रभारी अनु पलियाल का कहना है कि केस दर्ज करने के बाद वह आई.आर.एस. अधिकारी श्रीरंग चंदर चुहड़ रतना परखी निवासी अमरावति महाराष्ट्र की बैंक स्टेटमैंट खंगाल रहे है।
जालंधर: शहर के प्रापर्टी डीलर को बड़ा कारोबार सैट करने का झांसा देकर 17.40 करोड़ का फ्रॉड करने के मामले में नामजद दिल्ली में तैनात तथा ज्वाइंट कमिश्नर कस्टम (आई.आर.एस. अधिकारी) के बैंक खातों व अन्य खाताधारकों की बैंक स्टेटमैंट पुलिस ने खंगालनी शुरू कर दी है। पुलिस पता लगवा रही है कि प्रापर्टी डीलर से इतनी बड़ी रकम देकर आई.आर.एस. अधिकारी ने किन-किन बैंक खातों में ट्रांसफर किए या फिर कब कब खातों से कैश निकाला गया।
इस मामले में नामजद हुए यश अनिल मालविया निवासी अमरावति महाराष्ट्र ने जमानत अर्जी लगा दी है। थाना सात की प्रभारी अनु पलियाल का कहना है कि केस दर्ज करने के बाद वह आई.आर.एस. अधिकारी श्रीरंग चंदर चुहड़ रतना परखी निवासी अमरावति महाराष्ट्र की बैंक स्टेटमैंट खंगाल रहे है। इसके अलावा प्रापर्टी डीलर गुरप्रीत सिंह निवासी अर्बन स्टेट फेज टून ने आई.आर.एस. अधिकारी के जिन-जिन रिश्तेदारों के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए हैं, उनके खाते भी चैक किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दस्तावेजी कार्रवाई पूरी करके महाराष्ट्र में रेड करके उन सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। बता दें कि अर्बन स्टेट फेस टू के रहने वाले प्रापर्टी डीलर गुरप्रीत सिंह पुत्र गुरदर्शन सिंह ने अपने बेटे को सैट करने के लिए नया कारोबार खोलने के लिए अपने जानकार तिलक राज पुत्र चानण राम निवासी सुंदर नगर अमृतसर से बात की थी। तिलक राज के कहने पर वह आई.आर.एस. अधिकारी श्रीरंग चंदरचुहड़ रतना परखी से मिले, जिसने भरोसा दिया कि उसकी वित्त मंत्रालय में काफी जान पहचान है जिसके चलते वह एन.सी.एल.टी. में कोई फर्म खरीद लेंगे। उसने यह भी भरोसा दिया कि फाइनांस मनिस्ट्री में काफी इनपुट आते रहते हैं और अगर वह 20 करोड़ रुपए लगाते हैं तो एक महीने में उनके 30 करोड़ रुपए बन जाएंगे। गुरप्रीत सिंह उसकी बातो में आ गया और उसे पैसे दे दिए थे।
श्रीरंग चंदरचुहड़ ने यश, शुभम, खुद ही बहन प्राजकता, जीजा श्रीरश्रिर, पिता चंदरचुहड़, मां अंजली, पत्नी दीपाली, साले पराग और अविनाश के खाते में कुल 6.90 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए। सारी रकम लेकर श्रीरंग चंदरचुहड़ ने गुरप्रीत सिंह को कुछ दस्तावेज दिखाए और कहा कि उसकी रकम का 70 करोड़ रुपए बन चुका है लेकिन वह फरवरी 2023 में बजट के बाद ही उसे पैसे वापिस कर देंगे और तब तक 70 करोड़ की रकम 170 करोड़ बन जाएंगी।
श्रीरंग चंदरचुहड़ ने दोबारा से गुरप्रीत सिंह से 10 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने को कहा, लेकिन गुरप्रीत सिंह ने इतने पैसे न होने की बात कही तो उसने कहा कि अगर 10 करोड़ रुपए नहीं आएंगे तो पहले वाली सारी रकम डूब जाएगी। ऐसे में गुरप्रीत सिंह ने अपने बेटे का शेयर मार्कीट के एप में खाता खुलवा कर उसमें 50 लाख रुपए डाल दिए। सारे पैसे लेने के बाद फरवरी माह भी बीत गया तो गुरप्रीत सिंह ने अपने पैसों की मांग की लेकिन वह लोग टालमटोल करने लगे और बाद में अपनी पोस्ट की धमकी देकर उस पर झूठा केस दर्ज करवाने को धमकाया।
पुलिस ने गुरप्रीत सिंह द्वारा लगाए सभी आरोपों की जांच की तो मोबाइल लोकेशन से पता लगा कि गुरप्रीत सिंह आईआरएस अधिकारी को मिलने उसके ऑफिस भी गया था। हालांकि इस संबंधी जब श्रीरंग चंदरचुहड़ को नोटस भेज कर जांच में शामिल होने के लिए बुलाया तो उसने गुरप्रीत सिंह को पहचानने से मना कर दिया था।
जांच कर रही पुलिस टीम ने थाना सात में आईआरएस अधिकारी श्रीरंग चंदरचुहड़ रतना, परखी,बबू सिंह, यश, शुभम, प्रजाकता (बहन), श्रिरश्रिर (जीजा), चंदरचुहड़ा (पिता), अंजली (मां), दीपाली (बहन), पराग (साला), अविनाश सभी निवासी अमरावति मुंबई और तिलक राज निवासी सुंदर नगर अमृतसर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया था।
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