ढिल्लों ब्रदर्स की मौ'त का मामला: जांच में सही इनपुट आए सामने, पुलिस अधिकारी को लेकर हुआ ये खुलासा

Edited By Urmila,Updated: 17 Nov, 2024 10:25 AM

dhillon brothers death case

16 अगस्त 2023 को जब मानवजीत ढिल्लों का थाने में विवाद हुआ और अगले दिन दोनों भाइयों द्वारा ब्यास दरिया में छलांग लगा दी गई।

जालंधर: जिले की पुलिस के एक अधिकारी ने खुद की नौकरी बचाने के लिए पूर्व इंस्पैक्टर नवदीप सिंह पर गाज गिरा दी। हालांकि जब ट्रांसफर होकर आए नए सीपी स्वप्न शर्मा से उच्चाधिकारियों ने इस मामले में रिपोर्ट तैयार करने को कहा तो सारी सच्चाई सामने आ गई, जिसके बाद रिपोर्ट तैयार करके दाखिल दफ्तर कर दी गई थी। दरअसल नवदीप सिंह जालंधर कमिश्नरेट पुलिस के थाना 1 में 28 जून 2023 को तैनात हुए थे। थाने के सी.सी.टी.वी. कैमरे 24 जुलाई को खराब हो गए थे, जिसकी सारी रिपोर्ट बनाकर 28 जुलाई 2023 को ए.डी.सी.पी. हैड क्वार्टर को भेज दी गई थी लेकिन वहां से कैमरे ठीक करवाने को लेकर कोई जवाब नहीं आया।

बाद में 16 अगस्त 2023 को जब मानवजीत ढिल्लों का थाने में विवाद हुआ और अगले दिन दोनों भाइयों द्वारा ब्यास दरिया में छलांग लगा दी गई तो हर कोई अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में फंस गया। छलांग लगाने के 17वें दिन जाकर दरिया से शव बरामद हुआ जो जश्नबीर का बताया गया। मृतक के परिवार वाले इस बात पर अड़ गए कि पहले नवदीप सिंह को गिरफ्तार या डिसमिस किया जाए। तभी वे अंतिम संस्कार करेंगे जिसके बाद आनन-फानन में जालंधर कमिश्नरेट पुलिस नवदीप सिंह के खिलाफ सबूत जुटाने लगी।

एक कारण नवदीप सिंह के खिलाफ हुई एफ.आई.आर., जबकि दूसरा कारण थाने के खराब पड़े सी.सी.टी.वी. कैमरे बताए गए। सी.सी.टी.वी. को लेकर तब के ए.सी.पी. नॉर्थ की एंट्री हुई। वहीं शव मिलने पर 3 सितंबर 2023 को नवदीप सिंह व अन्य मुलाजिमों पर एफ.आई.आर. कर दी गई थी।  तब नवदीप सिंह छुट्टी पर थे जिन्होंने 5 सितंबर को अपनी ड्यूटी संभालनी थी लेकिन छुट्टियों का फायदा उठाते हुए तब के ए.सी.पी. नार्थ ने थाने में आकर काम शुरू कर दिया। उनकी तरफ से जो रिपोर्ट तैयार की गई उसमें इस बात का जिक्र ही नहीं है कि थाना 1 में से खराब सी.सी.टी.वी. कैमरों की लेकर 28 जुलाई की मेल आई हुई है।

पूर्व ए.सी.पी. नॉर्थ ने नवदीप सिंह के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर दी और सही बात सामने ही नहीं रखी। उधर डिसमिस करने के लिए 2018 में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिर्जर (एसओपी) के आदेशों का हवाला दिया गया कि थाने के खराब सी.सी.टी.वी. कैमरे सरकारी खजाने से नहीं, बल्कि एस.एच.ओ. अपने स्तर पर करवाएगा।

हालांकि इन आदेशों में यह भी डायरैक्शन दी गई थी कि थानों के कैमरों की जिम्मेदारी ए.डी.सी.पी. हैड क्वार्टर से शुरू होगी जो माह में एक बार, संबंधित ए.सी.पी. हफ्ते में एक बार, थाने का एस.एच.ओ. रोज एक बार और मुंशी दिन में दो बार फोटो आदि व्हाट्स एप ग्रुपे में डाल कर जानकारी देंगे, जबकि ए.सी.पी. और ए.डी.सी.पी. को डी.डी.आर. डालनी होगी।

अब बात यह भी है कि अगर थाना डिवीजन 1 के सीसीटीवी कैमरे तीन हफ्तों तक खराब थे तो पूर्व ए.सी.पी. की एक भी डी.डी.आर. थाने में दर्ज है? वहीं सीपी स्वप्न शर्मा के कार्यकाल दौरान जो रिपोर्ट तैयार करके दाखिल दफ्तर करवाई गई, उसमें जो जिक्र खराब सी.सी.टी.वी. कैमरों का किया गया है वह सी.पी. चाहल के होते हुए उनकी टीम के ए.सी.पी. नार्थ ने क्यों नहीं किया? तो क्या जितनी लापरवाही नवदीप सिंह की दिखाई गई, उससे कहीं ज्यादा पूर्व ए.सी.पी. नॉर्थ की नहीं?

कपूरथला पुलिस के पास शव मिलने से पहले पहुंच गई थी मोबाइल लोकेशन, फिर भी जांच शुरू नहीं की : मानवदीप उप्पल

उधर मानवदीप उप्पल ने कहा कि कपूरथला पुलिस की जांच बेहद ढीली होने के कारण उन्हें हर तरफ से बदनामी मिल रही है। उनके पास सबूत हैं कि कपूरथला पुलिस के पास ढिल्लों ब्रदर्स की गुमशुदगी रिपोर्ट देने के बाद ही दोनों भाइयों की मोबाइलों की लोकेशनें आ गई थीं लेकिन फिर भी पुलिस ने जांच नहीं शुरू की। शिकायत में जश्नबीर ढिल्लों के बारे लिखा गया कि वह 16 अगस्त 2023 को थाना 1 में  रात आठ बजे तक रुके होने का कहा लेकिन जश्नबीर की लोकेशन थाना 1 की 5.30 बजे तक थी, जिसके बाद उसकी लोकेशन जालंधर के अलग-अलग स्थानों की थी।

वहीं अगर मानवजीत उप्पल को पता था कि जश्नबीर डिप्रेशन में है तो वह काफी समय तक जश्नबीर के साथ दरिया के पुल पर क्यों था। वह उसे साइड पर क्यों नहीं लेकर आया? उप्पल का कहना है कि एफ.आई.आर. दर्ज होने के बाद एक बार भी कपूरथला पुलिस की टीम थाना 1 में चश्मदीद मुलाजिमों, हवालातियों और नवदीप सिंह के बयान लेने नहीं आई। सिट बनने के बाद तलवंडी चौधरियां के नए आए एस.एच.ओ. दीपक शर्मा काफी समय बाद जाकर थाने में 161 के बयान लेने पहुंचे।

उन्होंने कहा कि तो क्या यह वीक ऑफिसरों की टीम न कही जाए जिन्होंने उस मौके पर पहुंच कर पूछताछ ही नहीं की, जहां से सारा मामला शुरू हुआ। उप्पल ने कहा कि कहीं न कहीं यह भी लग रहा है कि तलवंडी चौधरियां के तब के एस.एच.ओ. ने नवदीप सिंह के खिलाफ कोई रंजिश निकाली है, जिन्होंने एफ.आई.आर. काटते समय मोबाइल लोकेशन का जिक्र नहीं किया और जब बेल मिलनी थी तो 6 गवाहों में से एक ही गवाह के बयान माननीय कोर्ट में सुनाए, जबिक जालंधर पुलिस द्वारा बनाई रिपोर्ट भी नहीं ली थी।

उन्होंने कहा कि सवा साल तक कपूरथला पुलिस की दो सिट बन गई है लेकिन अभी तक वह नवदीप सिंह क्रिमिनल इंटेशन नहीं निकाल पाई। मानव उप्पल ने फिर दोहराया कि वह यह बातें आरोपों के खिलाफ पेश किए सबूतों के डर से कर रहा है क्योंकि जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह सबूत देखने से झूठे लग रहे हैं और वह इस मामले का शिकायत पक्ष है जिसके बाद उलटा उस पर ही कारवाई की जाएगी।

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