Edited By Subhash Kapoor,Updated: 14 Nov, 2024 10:15 PM
जालंधर में आज शाम आसमान में स्माग की चादर बिछने से हर तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। इस दौरान विजिबिलिटी भी बेहद कम हो गई है, जिस कारण जनजीवन की रफ्तार धीमी पड़ गई है। सड़कों पर वाहन लाइट जला कर धीमी रफ्तार से चलते दिख रहे हैं।
जालंधर : जालंधर में आज शाम आसमान में स्माग की चादर बिछने से हर तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। इस दौरान विजिबिलिटी भी बेहद कम हो गई है, जिस कारण जनजीवन की रफ्तार धीमी पड़ गई है। सड़कों पर वाहन लाइट जला कर धीमी रफ्तार से चलते दिख रहे हैं। पार्कों में सैर करने वालों की संख्या भी काफी कम हो गई है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से जालंधर व आसपास के इलाके स्माग की चपेट में हैं तथा इस दौरान बूढों व बच्चों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सर्दी में भीषण कोहरे की तरह स्माग की घनी चादर ने शहरों को ढंक लिया है। स्माग के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से पहले सोचने लगे हैं। सड़कों पर दृश्यता कम है और प्रदूषित वायु में सांस लेना भी कठिन हो रहा है। आज शाम जब लोग घरों से बाहर निकले तो स्मॉग का कहर इतना बढ़ गया कि बहुत से यह कहने को विवश हुए कि उन्होंने पहले कभी स्मॉग के कारण ऐसा दृश्य नहीं देखा है।
बता दें कि पंजाब के ज्यादातर शहर स्माग की चपेट में हैं। शहर व आसपास के इलाकों की हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है, क्योंकि AQI बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। जालंधऱ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 322 को पार कर गया, इसका सीधा मतलब है कि यहां सांस लेना आने वाले समय में मुश्किल हो जाएगा। और इसका सीधा मतलब है कि यहां सांस लेना रोजाना बीस सिगरेट पीने के बराबर है। जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।