Edited By swetha,Updated: 03 Sep, 2019 08:27 AM
एस.वाई.एल. नहर के निर्माण पर पंजाब व हरियाणा के बीच पुराने अंतर्राज्यीय विवाद के संबंध में 3 सितम्बर को महत्वपूर्ण फैसला आ सकता है।
चंडीगढ़(भुल्लर): एस.वाई.एल. नहर के निर्माण पर पंजाब व हरियाणा के बीच पुराने अंतर्राज्यीय विवाद के संबंध में 3 सितम्बर को महत्वपूर्ण फैसला आ सकता है। दोनों राज्यों की सरकारों व राजनीतिक हलकों की नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लगी हुई है। दोनों राज्यों द्वारा उच्च कोटि के कानूनी विशेषज्ञों के जरिए अपने पक्ष को मजबूत किया जा रहा है। दोनों की कोशिश है कि फैसला उनके पक्ष में हो। जहां पंजाब नदियों के पानी को राज्य की जीवन रेखा मानता है और पानी किसी अन्य राज्य को देने के लिए तैयार नहीं है, वहीं विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण हरियाणा भी एस.वाई.एल. नहर के निर्माण का फैसला अपने पक्ष में करवाने के लिए कानूनी विशेषज्ञों द्वारा जोरदार कार्रवाई करवा रहा है।
एस.वाई.एल. नहर के निर्माण से पैदा हुए विवाद के कारण पंजाब ने आतंकवाद का लंबा संताप झेला है। पंजाब के मुख्यमंत्री इसके लिए भी अधिक ङ्क्षचतित हैं कि अगर नहर निर्माण पर पंजाब के विरोध में कोई फैसला होता है तो इससे राज्य में शांति-कानून की स्थिति बिगड़ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को नहर के निर्माण संबंधी मिल-बैठ कर हल निकालने के लिए 3 सितम्बर तक का समय दिया था। इसके बाद दोनों राज्यों की कई बैठकें हो चुकी हैं, परंतु कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। एस.वाई.एल. नहर के मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह आज दिल्ली गए हैं। उनके साथ उच्च अधिकारी व कानूनी विशेषज्ञ भी हैं। मुख्यमंत्री ने आज केंद्र सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केंद्रीय जल स्रोत मंत्री के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान अपना पक्ष रखा।