पंजाब भाजपा:  पहले ‘अज्ञातवास’ तो अब वनवास में

Edited By Urmila,Updated: 10 Apr, 2022 10:55 AM

punjab bjp first unknown then now in exile

हाल ही में पंजाब में संपन्न हुए विधान सभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को बड़ी सफलता मिली तथा 92वें सीटों के साथ पार्टी राज्य में सत्ता में कायम होने में सफल रही। राज्य में अगर किसी ...

जालंधर (अनिला पाहवा): हाल ही में पंजाब में संपन्न हुए विधान सभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को बड़ी सफलता मिली तथा 92वें सीटों के साथ पार्टी राज्य में सत्ता में कायम होने में सफल रही। राज्य में अगर किसी पार्टी की सबसे बुरी दशा हो रही है तो वह है भारतीय जनता पार्टी। सोशल मीडिया पर इस समय भाजपा के लोग भी सबसे ज्यादा सरगर्म है तथा आम जनता के फतवे को लेकर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं लेकिन भाजपा के नेता यह भूल गए हैं कि राज्य में पहले अज्ञातवास में रही पार्टी अब बनवास में जा चुकी है और यह बनवास से कब लौटेगी यह किसी को नहीं पता। नेताओं को सबसे ज्यादा चिंता यह है कि उनका आने वाले समय में हाल क्या होगा, यह कोई नहीं जानता क्योंकि आने वाले समय में कोई ज्यादा उम्मीद भी भाजपा नेताओं को नहीं दिख रही है। 

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सत्ता में रहकर भी भाजपा अज्ञातवास में
पंजाब में भाजपा बेशक 1997 से लेकर 2017 तक समय-समय पर अकाली दल के साथ सत्ता में रही है लेकिन इस समय में पार्टी ने अज्ञातवास में ही समय व्यतीत किया है। अकाली दल सदा ही भाजपा पर हावी रहा है और भाजपा के नेता चाह कर भी अपने हिसाब से सत्ता में काम नहीं कर पाए। अब 2007 से 2017 तक पार्टी ने जो अंतिम दौर सत्ता में गुजारा है वह भी भाजपा के लिए कोई बेहतर दौर नहीं रहा। भाजपा के लोग न तो अपने वर्कर को खुश कर पाए और न ही उनके काम करवा पाए जबकि अकाली दल में बूथ प्रधान तक के काम भी धड़ल्ले से हो रहे थे। तब से भाजपा का शुरू हुआ अज्ञातवास अब बनवास में तबदील हो गया है और यह कब इस बनवास से लौटती है यह किसी को नहीं पता। 

लोक सभा में क्या होगा?
पंजाब में लोक सभा की 13 सीटों पर अब तक अकाली-भाजपा मिलकर लड़ते रहे हैं लेकिन दोनों दल अब अलग हो चुके हैं जिसके बाद भाजपा के लिए सभी 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना तथा जिताना एक बड़ा टास्क है जिसमें सफल होना पंजाब भाजपा के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। पंजाब में 2019 के लोक सभा चुनावों में भाजपा 3 और अकाली दल 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी को 3 से 13 पर पहुंचना और उस पर सफल होना इस समय की बड़ी जरूरत है क्योंकि पार्टी की पंजाब विधान सभा चुनावों में जो हालत हुई है वह बेहद खराब है। 

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हिमाचल में सीरियस हुई भाजपा
वैसे तो हिमाचल में सदा ही भाजपा और कांग्रेस के बीच हर 5 साल बाद बदलाव का खेल चलता रहता है लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग हो गई है। हाल ही में पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सभी दलों को पटखनी दी है और अब पार्टी ने हिमाचल की तरफ कूच कर लिया है जिसके बाद हिमाचल में भाजपा सीरियस हो गई है। इतिहास को देखा जाए तो इस बार हिमाचल में भाजपा के बाद सत्ता में आने की बारी कांग्रेस की थी लेकिन जिस तरह से आम आदमी पार्टी हावी हो रही है उसके कारण यह बदलाव कुछ अलग होने की संभावना के चलते अभी से भाजपा सतर्क हो गई है। शायद भाजपा को कांग्रेस के सत्ता में आने का उतना फर्क नहीं पड़ता जितना आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने से फर्क पड़ता है। 

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