Edited By Vaneet,Updated: 08 Aug, 2019 02:17 PM
पंजाब सरकार गरीब परिवारों और आम जनता को सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य...
बटालाः पंजाब सरकार गरीब परिवारों और आम जनता को सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं देने के तो लाख दावे करती है, लेकिन जब अस्पताल में आए किसी मरीज को बिना देखे ही सीरियस करार देकर उसको अमृतसर रैफर कर दिया जाता है, जो कि अति निंदनीय है। ऐसा ही वाक्या गत दिवस किशनकोट की रहने वाली युवती पूजा पत्नी जुझार सिंह के साथ हुआ।
जानकारी देते पूजा की सास गुरमीत कौर और माता राजविन्द्र कौर संयुक्त रूप से बताया कि पूजा के बच्चा होने वाला था, गत दिवस हम उसे घुमान के सरकारी अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसको सीरियस करार देकर बटाला रैफर कर दिया, हम उसे तुरंत बटाला लाए, जहां डॉक्टरों ने उसे दाखिल कर लिया और फिर कुछ देर के बाद डॉक्टरों ने उसे अमृतसर रैफर कर दिया। हम 108 एम्बुलैंस में पूजा को लेकर अमृतसर जा रहे थे कि वेरके के निकट उसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। इस संबंधी जब 108 एम्बुलैंस के ई.एम.टी पवन कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि हमने बच्चे और उसकी माता को अमृतसर के गुरु नानक अस्पताल में दाखिल करवा दिया है।
क्या कहना समाज सेवक का
इस संबंधी जब समाज सेवक तेजिन्द्र सिंह ब्यूटी रंधावा ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि जिस महिला को इन डॉक्टरों ने सीरियस करार देकर अमृतसर रैफर कर दिया था उसने एम्बुलैंस में ही स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। हम सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने पुरजोर शब्दों में निंदा करते है जो मरीजों को बिना देखभाल किए सीरियस करार देकर अमृतसर भेज देते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और सिविल सर्जन गुरदासपुर किशन चंद से पुरजोर मांग की कि इन डॉक्टरों के खिलाफ विभागी कार्रावाई की जाए नहीं तो हम सारे समाज सेवक एकत्र होकर गरीब लोगों के लिए संघर्ष करने को मजबूर होंगे।